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Nainital : भूजल स्तर बढ़ाने, पर्यटन व यातायात प्रबंधन पर शोध करें विश्वविद्यालय: राज्यपाल

राज्यपाल ने कुमाऊं विवि के निदेशक व संकायाध्यक्षों से अकादमिक व प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा की

नैनीताल : उत्तराखंड के राज्यपाल व कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने मंगलवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के अकादमिक एवं प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा की।

इस अवसर पर राज्यपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में भूजल के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। विश्वविद्यालय भूजल स्तर को बढ़ाने के उपाय खोजें और उत्तराखंड के पारंपरिक जल स्रोतों, नौलों को बचाने के भी वैज्ञानिक समाधान ढूंढें। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय पर्यटकों एवं यातायात प्रबंधन पर भी शोध करें और इस चुनौती हेतु अपने ठोस सुझाव दें जिससे पर्यटन और यातायात का सही से प्रबंधन किया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अधिक से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशित करने चाहिए। उन्होंने केंद्रीय संस्थानों और सीएसआर की मदद से आर्थिक संसाधनों की पूर्ति के प्रयास करने के उपाय सुझाते हुए संकायाध्यक्षों को आर्थिक संसाधनों के स्रोत स्वयं खोजने को कहा, ताकि उन्हें विश्वविद्यालय पर निर्भर न रहना पड़े। राज्यपाल ने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय में हो रहे शोध और नवाचार कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने टीम भावना से विश्वविद्यालय की कई उपलब्धियों के लिए कुलपति सहित पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन की सराहना की।

डीएसबी परिसर में हुई बैठक में निदेशक और संकायाध्यक्षों से अलग-अलग वार्ता कर सभी संकायों के कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान सभी निदेशकों एवं संकायाध्यक्षों ने अपने-अपने संकायों में किए जा रहे शोध, नवाचारों और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए। साथ ही उन्होंने अपने विभागों में हो रहे महत्वपूर्ण कार्यों, परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

इससे पहले राज्यपाल ने डीएसबी परिसर स्थित वर्ष 1987 में स्थापित हिमालयन संग्रहालय का भी निरीक्षण किया और इस संग्रहालय में पौराणिक इतिहास से लेकर स्वाधीनता संग्राम में उत्तराखंड के योगदान को बताने वाले ताम्र पत्रों, दस्तावेजों, छायाचित्रों, सिक्कों व दुर्लभ मूर्तियों का संग्रह भी देखा। राज्यपाल ने विशेषज्ञ समिति के सुझावों के आधार पर इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय की तर्ज पर आधुनिक रूप में विकसित करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. दीवान रावत, परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, कुलसचिव दिनेश चन्द्रा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संजय पंत, मुख्य कुलानुशासक प्रो. एचसीएस बिष्ट, प्रो. अतुल जोशी, प्रो. पदम सिंह बिष्ट एवं प्रो. आरसी जोशी आदि उपस्थित रहे।

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