नाहन : होली को रंगो का त्यौहार के रूप में जाना जाता है और अनेक प्रकार के रंग गीले व सूखे प्रयोग में लाये जाते हैं। होली पर ऐसे रंग जो स्वास्थय के लिए हानिकारक न हों इसी उदेशीय को लेकर सिरमौर जिला के नाहन क्षेत्र के अम्ब वाला सैन वाला पंचायत की महिला संव्य सहायता समूह पूरी तरह से ऑर्गेनिक रंग बनाती हैं। ये महिलाऐं अपने समूह में घरेलू वस्तुओं जैसे अरारोट। सब्जी जैसे पालक, फूलों का रस से रंग बना रही हैं। जोकि बाजारों में बहुत लोकप्रिय रहते हैं।
पंचायत की ये महिलाएं जहां लोगो को पर्यावरण मित्र रंग बना रही हैं। वहीं इनके विक्रय से अपनी आर्थिकी भी सुदृढ़ बना रही हैं। समूह की अनीता देवी ने बताया कि वो लोग हर वर्ष होली पर प्राकृतिक रंग बनाती हैं जोकि स्वास्थय के लिए हानिकारक नहीं होते इसके इलावा भी वो लोग रक्षा बंधन पर राखियां बनाती हैं व पुरे वर्ष इस तरह के उत्पाद बनाती हैं जिनकी मांग भी अच्छी रहती है व् उन्हें इससे आय भी अच्छी हो रही है।
अनीता देवी ने बताया कि इस वर्ष भी समूह की महिलाएं ओरगेनिक रंग बना रही हैं व अरारोट, पालक व फूलों से ये रंग तैयार किये जा रहे हैं।
समूह की बाला देवी ने बताया कि होली के पर्व को लेकर वो इन दिनों प्राकृतिक रंग बना रहे हैं जोकि सेहत के लिए ठीक होते हैं व् इससे उन्हें अच्छी आय भी होती है।
पंचायत प्रधान संदीपक तोमर ने बताया कि उनकी पंचायत में महिला समूह होली को लेकर ऑर्गेनिक रंग बना रही हैं जिनकी बाजार में अच्छी मांग भी रहती है। इससे इनकी अच्छी आय भी हो रही है। ये महिला समूह वर्ष भर इस तरह के उत्पाद बनती हैं।
उल्लेखनीय हैकि होली को लेकर अब ऑर्गेनिक रंग भी उपलब्ध हो रहे हैं जिसमे ये ग्रामीण महिलाएं भी अहम भूमिका निभा रही हैं।