Nadia : कृष्णानगर में जगद्धात्री पूजा विसर्जन को लेकर हंगामा

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नदिया : (Nadia) पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Leader of the Opposition in the West Bengal Legislative Assembly, Suvendu Adhikari) ने जगरद्धात्री पूजा विसर्जन के दौरान हुई कथित पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शनिवार रात अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, “कृष्णनगर कोतवाली थाने के आईसी अमलेंदु विश्वास की भाषा और बर्ताव से यह साफ जाहिर होता है कि ममता बनर्जी की पुलिस हिंदुओं को किस नजर से देखती है।”

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि कृष्णानगर में इस वर्ष जगद्धात्री पूजा (Jagadhatri Puja celebrations in Krishnanagar) का उल्लास चरम पर था। नवमी की शाम से ही बारिश के बावजूद हजारों श्रद्धालु विभिन्न पंडालों में उमड़ पड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन को पहले से ही इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए विसर्जन के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

उनके अनुसार, सुबह से ही विसर्जन का उत्साह शुरू हो गया था, और शाम होते-होते शहर के हाइ स्ट्रीट चौक से राजबाड़ी तक भारी भीड़ उमड़ आई। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस की ओर से व्यवस्था में कमी रही, जिससे अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई।

शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के बजाय पुलिस ने हिंदू श्रद्धालुओं पर अनुचित और अत्यधिक बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि यह ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee government) की पुलिस का “नया चलन” बन गया है, विशेषकर जब हिंदुओं के धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या उत्सव होते हैं।

उन्होंने कृष्णानगर पुलिस जिले के एसपी अमरनाथ के. और कोतवाली थाने के आईसी अमलेन्दु विश्वास की “अयोग्यता” पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोनों अधिकारी प्रशासनिक रूप से विफल साबित हुए हैं। अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस ने जनता पर लाठियां बरसाईं।

अधिकारी ने अपने पोस्ट में लिखा, “इन दोनों अधिकारियों का रिकॉर्ड प्रातिष्ठानिक भ्रष्टाचार का रहा है, और जनता के हित से अधिक ये अपने निजी स्वार्थों को प्राथमिकता देते हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि लोगों का अपमान करने और उन पर बल प्रयोग करने का अधिकार इन अधिकारियों को किसने दिया?

इस पोस्ट के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अब तक राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन की ओर से शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।