मुंबई : शिवशाहिर बाबासाहेब पुरंदरे के इतिहास की व्यवस्था के बारे में असहमति हो सकती है, लेकिन उनके योगदान और उम्र को ध्यान में रखते हुए, उनके प्रति सम्मान के साथ बोलें, तथा बयानबाजी उल्लेख के से बचें, तत्कालीन एनसीपी प्रांतीय अध्यक्ष सुनीलजी तटकरे ने विधायक जीतेंद्र अवाड को यह सलाह दी ,लेकिन इसे धमकी माना गया | . मूलतः शिवशाहीर को संघर्ष संस्था द्वारा आयोजित किला दर्शन प्रतियोगिता के दौरान आव्हाड ने स्वयं को ही महिमा मंडित किया था| | आज ठाणे एनसीपी अजित गुट अध्यक्ष आनंद परांजपे ने जीतेन्द्र आव्हाड पर कटाक्ष करते हुए उन्हें इंगित करते हुए आगे कहा कि दरअसल स्वयं अदितिताई अपने प्रयासों से आगे आई हैं, और उन्होंने अपने काम के जरिए अपनी पहचान बनाई है। ।
शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के इतिहास के बारे में मतभेद हो सकते हैं। इतिहास हमेशा बदलता रहता है. नए सबूत हमेशा आते रहते हैं. इसलिए इतिहास के बारे में बात करने, चर्चा करने, बहस करने में कुछ भी गलत नहीं है। हम सभी के आदरणीय शरदचंद्र पवार साहब ने शिव शाहीरों को नमन करते हुए सादर उल्लेख किया है कि उन्होंने अपने व्याख्यानों के माध्यम से और किलों के माध्यम से शिव छत्रपति के इतिहास को घर-घर तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
एनसीपी अजित गुट के प्रदेश प्रवक्ता आनंद परांजपे ने कहा कि लेकिन जीतेंद्र आव्हाड ने हमेशा शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे का ही जिक्र किया है.| जबकि प्रांतीय अध्यक्ष सुनीलजी तटकरे ने युवाओं को गडकिल के बारे में जागरूक करने और उनकी उम्र के बारे में जागरूक करने में उनके योगदान के लिए शिव शाहिरास, शिव छत्रपतियों की आलोचना करते हुए को सम्मानजनक होने की सलाह दी थी। आनंद परांजपे ने सवाल उठाया कि क्या इसे धमकी माना जाए, क्या कोई यकीन करेगा कि कोई लोगों को धमकी दे सकता है?