पुलिस और बंदरगाह का विरोध कर रहे लोगों में झड़प
मुंबई : पालघर जिले के दहानू तालुका के वाढवण में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने वाले दहानू तालुका पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (डीटीईपीए) के हालिया फैसले के बाद तटीय क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में भीषण आक्रोश भड़क गया है। ऐसे में जेएनपीए के अधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पत्रकार परिषद कर यह बताने का प्रयास किया कि बंदरगाह बनने से स्थानीय निवासियों और मछुआरों को किसी भी तरह का नुकसान नही होगा। बल्कि रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
जेएनपीए के अध्यक्ष संजय शेट्टी ने कहा कि बंदरगाह से मछुआरों का किसी तरह से रोजगार प्रभावित नही होगा बल्कि इससे क्षेत्र में विकास के नए अवसर बनेंगे।
इस दौरान उपाध्यक्ष उमेश वाघ, जिलाधिकारी गोविंद बोडके सहित जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
विनाशकारी बंदरगाह वापस जाओ के नारे से गूंजा पालघर
प्रस्तावित बंदरगाह के विरोध में पालघर पहुंचे लोगों ने पत्रकार परिषद में जाने की मांग की अनुमति नहीं मिलने पर बंदरगाह और सरकार के विरोध में लोगों ने जमकर नारेबाजी की और तत्काल बंदरगाह रद्द करने की मांग की है। इस दौरान पुलिस और बंदरगाह का विरोध कर रहे लोगों में झड़प भी हुई।
विकास नही विनाश होगा।
केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले वाढ़वन बंदरगाह को लेकर बंदरगाह विरोधी संघर्ष समिति के सचिव वैभव वझे ने दावा किया कि इससे क्षेत्र का विकास नही विनाश होगा। उन्होंने कहा कि यह अपने अस्तित्व की लड़ाई है। सरकार एक तरफ स्वरोजगार की बात करती दूसरी तरफ लाखो मछुआरों का रोजगार छीन रही है। बंदरगाह बनने से लाखो लोगों का मछली पकड़ने का रोजगार विलुप्त हो जायेगा। मछुआरों ने दावा किया कि भूमिपुत्र केंद्र की इस कुटिल योजना को विफल करने के लिए कमर कस कर खड़ा हो गया है। वाढवन बंदरगाह का विरोध पिछले कई वर्षों से स्थानीय मछुआरे कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार के कदमो से हाल के दिनों में बंदरगाह को लेकर गतिविधियों ने फिर से जोर पकड़ लिया है। लेकिन वाढवण में बनने वाले बंदरगाह का लोग यह कह कर विरोध कर रहे है, कि इसके निर्माण से लाखों लोगों का रोजगार तो खत्म होगा। और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जायेगा।
मरते दम तक बंदरगाह के खिलाफ संघर्ष करेंगे।
शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के वाढवन से जिला परिषद सदस्य जयेंद्र दुबला ने कहा कि शिवसेना केंद्र सरकार के विनाशकारी परियोजना का विरोध कर रहे लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। बंदरगाह के विरोध में मरते दम तक संघर्ष करेंगे।