मुंबई : (Mumbai) मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। हिंदी और मराठी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा और प्रसिद्ध फिल्मकार वी. शांताराम की पत्नी संध्या शांताराम (Sandhya Shantaram, a veteran actress of Hindi and Marathi cinema and wife of renowned filmmaker V. Shantaram) अब हमारे बीच नहीं रहीं। 94 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।
शनिवार 4 अक्टूबर को उनका पार्थिव शरीर मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को बैकुंठ धाम में ले जाया गया है। उनके निधन की खबर से फिल्म और कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
निर्देशक मधुर भंडारकर ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने संध्या की एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “महान अदाकारा संध्या शांताराम जी के निधन से दुखी हूं। ‘पिंजरा’, ‘दो आंखें बारह हाथ’, ‘नवरंग’ और ‘झनक झनक पायल बाजे’ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं हमेशा याद रखी जाएंगी। उनकी अद्भुत प्रतिभा और मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्य कौशल ने सिनेमा जगत पर अमिट छाप छोड़ी है। ओम शांति।”
संध्या शांताराम का जाना भारतीय सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति (irreparable loss for Indian cinema) है। वे न केवल पर्दे की अदाकारा थीं बल्कि भारतीय नारी की शालीनता, कला और संस्कृति का जीवंत प्रतीक भी थीं। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
गौरतलब है कि संध्या शांताराम न सिर्फ अपनी अदाकारी के लिए बल्कि अपने बेहतरीन नृत्य कौशल के लिए भी जानी जाती थीं। उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों में ऐसा योगदान दिया, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। ‘झनक झनक पायल बाजे’, ‘दो आंखें बारह हाथ’, ‘नवरंग’ और मराठी फिल्म ‘पिंजरा’ जैसी फिल्मों में उनके दमदार अभिनय और लाजवाब डांस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। उनकी कला के चलते उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, संध्या लंबे समय से उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनके निधन ने भारतीय सिनेमा की उस पीढ़ी को और भी अकेला कर दिया है, जिसने अपनी रचनात्मकता और मेहनत से सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।