Mumbai: पालघर – जल जीवन मिशन” योजना की गति बेहद धीमी लापरवाही की भेंट चढ़ रही योजना

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मुंबई:(Mumbai) जल जीवन मिशन योजना पालघर (Jal Jeevan Mission Scheme Palghar) में अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है।अधिकारियों के सुस्त रवैये और ठेकेदारों की धीमी गति से काम करने के चलते जल जीवन मिशन योजना का लाभ पालघर के आदिवासियों को समय से मिलता नही दिख रहा है।

ग्रामीणों ने अंदेशा जताया कि निकम्मे अधिकारियों की काली करतूतों की वजह से कही पहले की तरह यह पेयजल योजना भी दम न तोड़ दे? वहीं 2024 तक हर घर में जल ग्रामीणों देने की जिम्मेदारी विभाग के पास है, लेकिन अब तक।आधा कार्य भी पूरा होते नही दिखा रहा।

जिससे इतने कम समय में जल जीवन मिशन योजना को पूरा करना संभव नजर नहीं आ रहा है। जिले के सैकड़ों गांव में जल संकट के हालत है। वॉटर लेवल डाउन होने के कारण मार्च से ही कई इलाकों में पीने की पानी की समस्या होने लगी है। और आदिवासी पेयजल के लिए 2 से 3 किमी तक भटकने को मजबूर है।

पालघर जिले के 564 गांवों में जलजीवन मिशन योजना के तहत कार्यों की मंजूरी दी गई है। इनमें से 540 काम शुरू हो चुके हैं। लेकिन सुस्ती के चलते योजना का आधा भी काम पूरा नही हो सका है। जिससे यहां योजना दम तोड़ती दिख रही है।

पिछले 6 माह में योजना के तहत 50 फीसदी भी कोई काम पूरा नहीं होने के दावे किए जा रहे है। और 24 गांवों में तो अभी तक काम तक शुरू नहीं हो सका है। योजना के तहत बड़ी बड़ी पानी की टांकियो का निर्माण किया जा रहा है। कहा जा रहा है, कि इनमे से एक भी कार्य अब तक पूरा नही हो सका है।

जबकि योजना को पूरा करने की समय सीमा छः माह, आठ माह और कुछ कार्यों के लिए एक वर्ष है। हालांकि, सभी कार्यों की वर्तमान गति को देखते हुए, ग्रामीणों के अनुसार मानसून से पहले आधे काम भी पूरे नहीं होंगे।

भूमि की समस्या

जिले के कई गांवों में आबादी वाली जमीन का क्षेत्रफल बहुत कम है। कई घर गोचरण के साथ – साथ वन भूमि में भी स्थित हैं। ठेकेदारों के लिए यहां से पानी की पाइप ले जाना मुश्किल होता है। एक ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि योजना के निर्माण के लिए निजी भूस्वामियों के विरोध के कारण भी काम बाधित हो रहे हैं।

नवंबर 2022 से पालघर जिले में जलजीवन मिशन के तहत सभी 564 कार्यों को संबंधित ठेकेदार को दे दिया गया हैजिले में अब तक इनमें से 540 कार्य ही चल रहे हैं। वही अधिकारियों का दावा है, कि जिले में अधिकांश कार्य प्रगति पर है। जिन स्थानों पर जगह की समस्या है वहां कार्य धीमी गति से चल रहा है।

जल स्रोत एक बड़ी समस्या है

कई गांवों में पानी के जल स्रोत बहुत कम हैं, कहा जाता है कि 30 से 35 फीट गहरे खोदे गए कुओं में पानी का भंडारण अपर्याप्त है। ग्रामीण इस बात को लेकर चिंतित हैं कि योजना का क्रियान्वयन कैसे होगा। साथ ही इस योजना का सर्वे ग्रामीणों को विश्वास में लिए बिना गूगल मैप से कराया गया। इससे ठेकेदारों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

क्या है जल जीवन मिशन योजना

शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की 2019 में शुरुआत की थी। योजना के तहत गांवों में ओवर हेड टैंक का निर्माण करा व घरों तक पाइप लाइन बिछाकर नल से सीधे जल पहुंचाना था। इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 85 लीटर पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

जल जीवन मिशन के तहत गांवों में हो रहे कार्यों को हर हाल में मार्च 2024 से पहले पूरा कर लेना है लेकिन जिस तरह से संस्थाएं काम कर रही हैं ऐसा नहीं लग रहा कि समय से चयनित गांवों में लोगों को नल से जल मिल पाएगा।