Mumbai : मुंबई में कबूतरखानों को अचानक बंद करना उचित नहीं : मुख्यमंत्री

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मुंबई : (Mumbai) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को कहा कि मुंबई में कबूतरखानों को अचानक बंद करना उचित नहीं है। कबूतरों की जान बचाना, पर्यावरण की रक्षा और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए वैकल्पिक उपाय किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री फडणवीस (Chief Minister Fadnavis) की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कबूतरों के स्वस्थ रखरखाव और जन स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए उन्हें कब भोजन दिया जाए और कब नहीं, इस संबंध में नियम बनाए जाने चाहिए। शहर में विभिन्न स्थानों पर कबूतरों की बड़ी संख्या के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं, मल के कारण प्रदूषण और सार्वजनिक स्वच्छता संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

हालाँकि इस संबंध में कबूतरखानों के स्वास्थ्य प्रभावों का वैज्ञानिक अध्ययन आवश्यक है और इसके लिए संबंधित विशेषज्ञों की सहायता से एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। कबूतरों की बीट का उचित प्रबंधन आवश्यक है। इस संबंध में, बीट की सफाई के लिए उपलब्ध तकनीकी समाधानों पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (former Union Minister Maneka Gandhi) के साथ इस बारे में चर्चा की है।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि कबूतरखाने से जुड़े मुद्दों पर उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका पर सुनवाई चल रही है। राज्य सरकार और मुंबई नगर निगम (state government and Mumbai Municipal Corporation) को इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखना चाहिए। न्यायालय में चल रही सुनवाई के संदर्भ में यदि आवश्यक हुआ, तो राज्य सरकार आवश्यकतानुसार सर्वोच्च न्यायालय में भी अपना पक्ष रखेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुंबई नगर निगम (Mumbai Municipal Corporation) को एक पक्षीशाला बनाने और उसका रखरखाव करने का भी निर्देश दिया।

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar), वन मंत्री गणेश नाईक, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, कौशल, रोजगार, उद्यमिता एवं नवप्रवर्तन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, विधायक कालिदास कोलंबकर, मुंबई नगर निगम के आयुक्त भूषण गगरानी, वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर उपस्थित थे।