मुंबई : (Mumbai) मराठा समाज के लिए हाल ही में जारी शासनादेश के खिलाफ गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इन याचिकाओं की सुनवाई सोमवार को मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड (bench of Chief Justice Chandrashekhar and Justice Gautam Ankhad) की पीठ किए जाने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समाज को एकमुस्त आरक्षण नहीं दिया है, इसलिए सरकार की ओर से न्यायालय में अपना पक्ष रखा जाएगा।
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि मराठा समाज की ओर दो सितंबर को जारी शासनादेश के खिलाफ आज दो नई याचिकाएँ दायर की गई हैं। अधिवक्ता विनीत विनोद धोत्रे (Advocate Vineet Vinod Dhotre) ने पहले मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ याचिका दायर की थी, उन्होंने भी सरकार के हालिया फैसले को चुनौती देने के लिए एक आवेदन दायर करने की मांग की है। इन याचिकाओं में दावा किया गया है कि सरकार का फैसला मनमाना, असंवैधानिक और कानून की दृष्टि से गलत है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। एक याचिका में कहा गया है कि विवादित शासन आदेश मराठा समुदाय के सदस्यों को खुश करने और उन्हें शांत करने के लिए राजनीतिक स्वार्थ के अलावा कुछ नहीं हैं । इसमें दावा किया गया है कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने के मुद्दे पर ही अपना विरोधाभासी रुख अपना रही है।
इस शासनादेश का विरोध करते हुए बुधवार को ओबीसी कल्याण फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोज ससाने (OBC Kalyan Foundation President Manoj Sasane) ने पहले एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में संशोधन करने का निर्देश मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया था, इसलिए ससाने ने आज अपना आवेदन प्रस्तुत किया है । शिव अखिल भारतीय वीरशैव युवक संगठन नामक एक ट्रस्ट द्वारा दायर एक अन्य याचिका में भी जीआर को चुनौती दी गई है, जिसमें राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की कई रिपोर्टों का हवाला दिया गया है कि मराठा और कुनबी एक ही नहीं हैं । याचिका में कहा गया है कि सरकार एक बार फिर यह प्रचार करने की कोशिश नहीं कर सकती थी कि मराठा और कुनबी एक ही हैं। इन याचिकाओं में जारी जीआर को रद्द करने और मामले की सुनवाई लंबित रहने तक इसके कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है।