मुंबई : विधान परिषद की सभापति नीलम गोरहे ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे को सभागृह में सदस्य के साथ दुर्व्यवहार मामले में पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में पेश किया था।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सभागृह का काम-काज अनुशासित हो, इसके लिए यह निलंबन जरूरी था। विपक्षी विधायकों ने सभापति के निर्णय को एकतर्फा बताया और उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे और भाजपा सदस्य प्रसाद लाड के बीच नोंक-झोंक हुई थी। इसलिए दानवे को निलंबित करने के लिए भाजपा विधायकों ने आज विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया था। आज विधानपरिषद में संसदीय कार्यमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अंबादास दानवे को पांच दिनों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। इसी प्रस्ताव पर सभापति ने दानवे को निलंबित कर दिया।
इसके बाद विधान भवन परिसर में अंबादास दानवे ने कहा कि उन्हें निलंबित करते समय अपना पक्ष रखने का मौका देना चाहिए था, जो उन्हें नहीं दिया गया। इसलिए वे अपनी बात जनता के बीच कहेंगे। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सब पहले से तय करके किया गया है। जिस पर आरोप लगाया जाता है, उसे भी बोलने का अवसर दिया जाता है।