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Mumbai : महाराष्ट्र सरकार ड्रग्स के खिलाफ कठोर भूमिका निभा रही, पांच माह में 6529 कार्रवाई व 4131 करोड़ का का ड्रग जब्त : देवेंद्र फडऩवीस

मुंबई : उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने कहा कि पिछले पांच महीनों में महाराष्ट्र में नशीले पदार्थों के विरुद्ध 6529 कार्रवाई की गई और 4131 करोड़ रुपये का ड्रग जब्त किया गया। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के विरुद्ध राज्य सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। इस मामले में दोषी पाए गए पुलिसवालों को भी बक्शा नहीं जाएगा।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस गुरुवार को विधान परिषद में कांग्रेस के विधायक अशोक भाई जगताप के ड्रग की तस्कारी को रोकने वाले उपायों व योजना को लेकर उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ड्रग के खिलाफ राज्य सरकार की भूमिका बहुत ही कठोर है। महाराष्ट्र में पिछले साल राज्य में कुल 12,648 कार्रवाई में 897 करोड़ रुपये का माल जब्त किया गया था। इसकी तुलना में इस साल मई तक 6529 कार्रवाई कर 4131 करोड़ रुपये का माल जब्त किया गया है। फडनवीस ने कहा कि 31 मार्च 2024 को शाहूनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर मुंबई के माहिम में रहेजा फ्लाईओवर पर हेरोइन बेच रहे एक युवक को 54 लाख रुपये 270 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले के तार उत्तराखंड से जुड़े पाए गए हैं, इसलिए समन्वय बनाकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। ड्रग मामले में लिप्त पाए गए छह पुलिसकर्मियों को अब तक बर्खास्त किया जा चुका है। देवेंद्र फडनवीस ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुलिसकर्मी नशे से जुड़े मामलों में संलिप्त पाए गए तो अब उन्हें निलंबित करने के बजाय बर्खास्त किया जाएगा।
फडनवीस ने कहा कि वर्तमान समय में समाज के सामने नशीले पदार्थों की एक बड़ी चुनौती है और यह चिंता का विषय है। केंद्र सरकार ने भी इसी के अनुरूप बैठक की है और सभी राज्यों के गृह मंत्रियों को एक संयुक्त कार्ययोजना दी है। फडऩवीस ने कहा कि डार्कनेट, कूरियर, डायरेक्ट मैसेज, इंस्टाग्राम, फेसबुक चैट जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से ड्रग्स की बिक्री की जाती है। इसे रोकने के लिए विभिन्न संबंधित विभागों को निर्देश दिये गये हैं। कूरियर कंपनियों, पोस्ट सिस्टम को निर्देश दिए गए हैं कि कूरियर को कैसे स्कैन किया जाए। बंदरगाहों को भी सतर्क कर दिया गया है क्योंकि निर्यातित कार्गो में कंटेनरों में नशीले पदार्थ रखे हुए पाए गए हैं। अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है और हर जिले में सभी संबंधित विभागों की एक समिति बनाई गई है।

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