spot_img
HomelatestMumbai : जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति दहन करने की दी धमकी

Mumbai : जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति दहन करने की दी धमकी

मुंबई : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘एससीईआरटी’ ने राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के कुछ श्लोकों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. आपत्तियां एवं सुझाव भी आमंत्रित किये गये हैं। हालांकि, विधायक जीतेंद्र आव्हाड इस मुद्दे पर बेहद आक्रामक हो गए हैं।उन्होंने सीधे मनु स्मृति ही दहन करने की आज धमकी दी है। जितेंद्र आव्हाड ने स्कूली पाठ्यपुस्तक में मनुस्मृति को शामिल करने के कदम का कड़ा विरोध किया है। इसके लिए जीतेंद्र आव्हाड बुधवार 29 तारीख को मनुस्मृति होली मनाने म्हाड जाने वाले हैं।. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने म्हाड में ही मनुस्मृति होली मनाई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जीतेंद्र आव्हाड भी सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए म्हाड में ही मनुस्मृति होली करने जा रहे हैं. ।

उल्लेखनीय है कि हमेशा विवादों में रहने वाले शरद पवार की एनसीपी के नेता जीतेन्द्र आव्हाड इसके पूर्व भी भगवान राम को मांसाहारी तक बतला चुके हैं | इसके बाद जीतेन्द्र आव्हाड ने अपने इस बयान से किनारा कर लिया था और ,उन्होंने वही रटा रटाया वाक्य दोहराया था कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया है | इसके पहले पूर्व मंत्री आव्हाड ने महाराज छत्रपति शिवाजी की भी आलोचना कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की थी थी |

आज जीतेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति के तीन श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के सरकार के फैसले के खिलाफ सभी को एकजुट होने की चुनौती दी है।. जिस मनुस्मृति ने महिलाओं के अधिकारों को नकारा, जिसके कारण हमारे पूर्वज 5000 वर्षों तक कष्ट में रहे, उसी मनुस्मृति को एक बार फिर सरकार ला रही है, इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। जीतेंद्र आव्हाड ने अपील की है कि हम एक बार फिर उस स्थान पर जाएंगे जहां बाबा साहब अंबेडकर ने इस मनुस्मृति को जलाया था और इसे जलाएंगे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. ।

आव्हाड का कहना है कि जिन लोगों ने 1950 में कहा था कि हम आपके संविधान को नहीं मानते, हमारा संविधान मनुस्मृति है। वही लोग अब मनुस्मृति लाने की कोशिश कर रहे हैं. आप और हम संविधान बचाना चाहते हैं. बाबासाहेब अम्बेडकर ने 1927 में मनुस्मृति को जलाया और 1950 में संविधान का जन्म हुआ। हम उसके लिए महाड जा रहे हैं। बाबा साहेब अम्बेडकर को याद करते हुए हम मनुस्मृति को ही जला रहे हैं ।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर