
मुंबई : फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी हालिया फिल्म इंडिया लॉकडाउन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को कोविड-19 की पहली लहर के दौरान देश में लगे लॉकडाउन के वक्त लोगों के सामने आयी मुश्किलों से अवगत कराना है। सच्ची घटनाओं से प्रेरित इस फिल्म में चार कहानियां दिखायी जाएगी और यह बताया जाएगा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अचानक लॉकडाउन लगाए जाने के बाद कैसे जिंदगी थम-सी गयी।भंडारकर ने यहां इंडिया लॉकडाउन के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर पत्रकारों से कहा, हमने काफी शोध किया। बहुत सारी कहानियां थी लेकिन हमने चार कहानियां दिखाने का सोचा। हमने एक वेश्या, एक प्रवासी मजदूर दंपति, एक पायलट और एक बुजुर्ग व्यक्ति की जिंदगी में झांकने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, इन सभी पहलुओं को दिखाना अगली पीढ़ी के लिए जरूरी है। यह संकलन नहीं है, सभी कहानियां आपस में जुड़ी है।
चांदनी बार, पेज 3 और फैशन जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले भंडारकर ने कहा कि विभिन्न सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों की जिंदगियों में गहरायी से जाने के लिए टीम ने कई हृदय विदारक कहानियों को चुना।फिल्म में वेश्या का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री श्वेता बासु प्रसाद ने कहा कि इंडिया लॉकडाउन के साथ ही भंडारकर के साथ काम करने का उनका सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि यह फिल्म लोगों को जीवन की अनिश्चितता के बारे में याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि अपने किरदार को समझने के लिए वह दक्षिण मुंबई के कमाठीपुरा के रेड-लाइट इलाके में गयी थीं।