मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उषदेव इंटरनेशनल से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 43.52 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। कुर्क कर गई संपत्तियों में भूमि, भवन और बैंक खातों में सावधि जमा के रूप में पड़ी राशि शामिल है।
ईडी सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि मेसर्स उषदेव इंटरनेशनल लिमिटेड [यूआईएल] और अन्य द्वारा बैंक धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत संपत्तियों को कुर्क किया है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई], बैंक सुरक्षा और धोखाधड़ी क्षेत्र [बीएस और एफसी] शाखा, मुंबई द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत 1,438.45 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की है। ईडी के अनुसार जांच से पता चला है कि मेसर्स यूआईएल को कई बैंकों द्वारा ऋण के रूप में दिए गए धन को अग्रिम और असुरक्षित ऋण की आड़ में विभिन्न संस्थाओं में भेज दिया गया था। बाद में, कई बैंक खातों के माध्यम से छानबीन करने के बाद उक्त धन को अंतत: भारत स्थित कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसमें मेसर्स यूआईएल की विदेशी सहायक कंपनियां प्रमुख शेयरधारक हैं। इन सहायक कंपनियों को मेसर्स यूआईएल के निदेशकों और प्रमुख शेयरधारकों द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता था। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, मेसर्स यूआईएल को कई बैंकों से फंड आधारित और गैर-फंड आधारित ऋण सुविधाएं दी गईं और बैंकों द्वारा दी गई उक्त निधियों में से अधिकांश निधियों को मेसर्स यूआईएल ने कई विदेशी संस्थाओं काे भेज दिया गया, जिन्हें इसके निदेशकों, प्रमोटरों या शेयरधारकों द्वारा शामिल किया गया था। जांच के दौरान, मेसर्स यूआईएल और उनकी कंपनियों के समूह के निदेशकों और शेयरधारकों की भारत में स्थित 43.52 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की गई, जिसे पीएमएलए, 2002 की धारा 5 के तहत अनंतिम रूप से कुर्क किया गया है।