मुंबई : (Mumbai) वसई-विरार शहर महानगरपालिका क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने के लिए रेलवे लाइन पर बनने वाले चार नए रोड ओवर ब्रिज (Road Over Bridges) (ROBs) के जनरल अरेंजमेंट ड्रॉइंग्स (General Arrangement Drawings) (GAD) को रेलवे ने मंजूरी दे दी है। महानगरपालिका क्षेत्र के उमेलमान, अलकापुरी, ओसवाल नगरी और विराट नगर में बनने वाले इन पुलों के जीएडी को मंजूरी मिलने का पत्र रेलवे प्रशासन ने वसई-विरार शहर महानगरपालिका को भेजा है।
इसके लिए सांसद डॉ. हेमंत सवरा और विधायक राजन नाईक (MP Dr. Hemant Savra and MLA Rajan Naik) लगातार कोशिश कर रहे थे। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) को पत्र लिखने के साथ-साथ पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने नायगांव-वसई रोड रेलवे स्टेशन के बीच उमेलमान, वसई रोड से नालासोपारा के बीच अलकापुरी, नालासोपारा से विरार के बीच ओसवाल नगरी और विराट नगर में यातायात को सुचारू बनाने के लिए पुलों के निर्माण पर जोर दिया था। आखिरकार उनके प्रयासों को सफलता मिली है।
पश्चिम रेलवे के डिवीजनल इंजीनियर (Western Railway Divisional Engineer) (Bridge) राहुल चौधरी ने वसई-विरार शहर महानगरपालिका के कार्यकारी अभियंता को पत्र भेजकर चार रेलवे फ्लाईओवर के जीएडी को मंजूरी दिए जाने की पुष्टि की है। प्रस्तावित पुलों के डिजाइन को मंजूरी मिलने पर सांसद डॉ. हेमंत सवरा और विधायक राजन नाईक (MP Dr. Hemant Savra and MLA Rajan Naik) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया है। विधायक राजन नाईक ने कहा कि चारों फ्लाईओवर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से पूरा कराने के लिए प्रयास करूंगा। ये फ्लाईओवर बन जाने से वसई विरार के लाखों नागरिकों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा। इससे पूर्व-पश्चिम के बीच आवागमन भी तेज हो जाएगा और वसई-विरार के विकास को गति मिलेगी।
एक आंकड़े के अनुसार, वसई-विरार शहर महानगरपालिका क्षेत्र की आबादी लगभग 25 से 30 लाख तक पहुंच गई है, जिससे पूर्व और पश्चिम दिशा में आने-जाने वाले नागरिकों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। यह दूरी पूरी करने में लोगों को लंबा चक्कर लगाकर यात्रा करनी पड़ती है, जिससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं। इसी को देखते हुए वसई-विरार शहर महानगरपालिका ने फ्लाईओवर के जनरल अरेंजमेंट ड्रॉइंग्स तैयार कर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को भेजे थे, जिसे अब मंजूरी मिल सकी है।