मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच मामले में अस्थायी राहत दी। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल तक स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने इस दौरान जांच में वानखेड़े के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का भी निर्देश दिया है।
एनसीबी की टीम समीर वानखेड़े की उनके मुंबई एनसीबी निदेशक कार्यकाल के दौरान कार्रवाई के दौरान अनियमितता बरतने की छानबीन कर रहा है। इस मामले में एनसीबी की ओर से आठ नोटिस जारी की गई थी। लेकिन समीर वानखेड़े एनसीबी का जांच का सामना नहीं किया और जांच रुकवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसी याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनसीबी को वानखेड़े पर अगली सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। समीर वानखेड़े ने एनसीबी की जांच संजय सिंह द्वारा न किए जाने का आदेश देने की भी मांग की थी, जबकि एनसीबी के वकील ने कोर्ट में समीर वानखेड़े खुद की जांच के लिए जांच अधिकारी नहीं चुन सकते। फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई दस अप्रैल को होगी।
उल्लेखनीय है कि कार्डिलिया क्रूज ड्रग मामले की छानबीन में समीर वानखेड़े पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया था। इस मामले में समीर वानखेड़े पर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान से रिश्वत की रकम न मिलने पर उनके बेटे को झूठे मामले में का आरोप भी लगा था। इसके बाद आठ लोगों ने एनसीबी को पत्र लिखकर उनके साथ गलत तरीके एनसीबी की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। इन्हीं मामलों में पूछताछ के लिए एनसीबी ने समीर वानखेड़े को नोटिस जारी किया है।