Mumbai : लोकसभा में अरविंद सावंत ने उठाया मुंबई पोर्ट के विकास का मुद्दा

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मुंबई : (Mumbai) शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray) के नेता और सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत मुंबई पोर्ट (Mumbai Port) के विकास से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे पुराने और व्यावहारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण पोर्टस में शामिल मुंबई पोर्ट को लंबे समय से आधुनिकीकरण, विकास और गाद निकासी (ड्रेजिंग) जैसी आवश्यक प्रक्रियाओं में पूरी तरह से उपेक्षित किया गया है।

सावंत ने बताया कि इस उपेक्षा के कारण न केवल व्यापारिक गतिविधियों को नुकसान हुआ है, बल्कि संपत्ति और आर्थिक संसाधनों का भी भारी नुकसान हुआ है। व्यापार, रोजगार और तटीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं होने के बावजूद केंद्र सरकार और मुंबई पोर्ट अथॉरिटी (Mumbai Port Authority) (MbPA) के बीच योजनाओं के समुचित समन्वय के अभाव में कई अहम विकास परियोजनाएं वर्षों से अटकी हुई हैं।

उन्होंने मुंबई पोर्ट के लिए एक समग्र और समयबद्ध विकास योजना की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। इस योजना में पोर्ट का आधुनिकीकरण, एक समुद्री कन्वेंशन सेंटर (maritime convention center) का निर्माण तथा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मनोरंजन पार्क जैसी परियोजनाओं को शामिल करने की मांग की गई है। साथ ही, तत्कालीन केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी (Union Shipping Minister Nitin Gadkari) द्वारा सदन में दिए गए आश्वासन के अनुसार, मुंबई पोर्ट अथॉरिटी की जमीन पर रहने वाले हजारों झोपड़पट्टीवासियों का ‘पुनर्वसन कार्य योजना (Rehabilitation Action Plan (PAP)’ के तहत पुनर्वसन किए जाने की भी मांग की गई।

इसके अलावा, सांसद सावंत ने विशेष रूप से ससून डॉक में मछली पकड़ने वाले गरीब और मेहनतकश मछुआरों की लंबे समय से लंबित समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे की सीमाओं और पर्याप्त सुविधाओं के अभाव के कारण इन मछुआरों को अपनी आजीविका के लिए गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और मुंबई पोर्ट अथॉरिटी (Mumbai Port Authority) द्वारा उन्हें विस्थापित किया जाना अन्यायपूर्ण है।

अंत में अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने सरकार से अपील की कि मुंबई पोर्ट के विकास को गति देने और इन सभी लंबित समस्याओं के समाधान के लिए बिना किसी और देरी के तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाएं।