spot_img
HomelatestMumbai : लीलावती अस्पताल में मिले हड्डियों और बालों से भरे 8...

Mumbai : लीलावती अस्पताल में मिले हड्डियों और बालों से भरे 8 कलश, कोर्ट के आदेश पर जांच शुरू

मुंबई : (Mumbai) मुंबई के मशहूर लीलावती अस्पताल परिसर और मुख्य ट्रस्टी के केबिन में हड्डियों और बालों से भरे 8 कलश मिले हैं। इस मामले की छानबीन बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद शुरू कर दी गई है।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि अस्पताल में हड्डियां, बालों से भरे कलश मिलने की शिकायत पहले बांद्रा पुलिस स्टेशन में की गई थी। पुलिस ने जब इस मामले में कार्रवाई नहीं की, तो इस मामले की शिकायत मजिस्ट्रेट से की गई। इस पर कोर्ट ने खुद मामले की छानबीन शुरू की है। परमबीर सिंह ने कहा कि अस्पताल में मिली हड्डियां मानव की भी हो सकती है, लेकिन इसका खुलासा जांच के बाद होगा।

लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी डॉ. प्रशांत मेहता ने मीडिया को बताया कि ट्रस्टी बनने के बाद हमने चेतन दलाल इन्वेस्टिगेशन एंड मैनेजमेंट सर्विसेज और एडीबी एंड एसोसिएट्स को फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया है। लेखापरीक्षकों ने पांच से अधिक रिपोर्टें तैयार कीं, जिसमें खुलासा हुआ कि पूर्व ट्रस्टियों ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया था। धनराशि हड़पने वाले पूर्व ट्रस्टियों में से अधिकांश प्रवासी भारतीय तथा दुबई और बेल्जियम के निवासी हैं। इसी दौरान अस्पताल के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि अस्पताल में काला जादू किया गया है। इसके बाद अस्पताल परिसर का फर्श तोड़ दिया गया। जमीन के नीचे आठ कलश पाए गए, जिसमें मानव हड्डियां, खोपड़ियां, बाल और चावल के दाने मिले। प्रशांत ने कहा कि पिछले ट्रस्टियों के कार्यकाल में इस तरह का काला जादू चल रहा था। उन्होंने इसकी शिकायत तत्काल बांद्रा पुलिस स्टेशन में की, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने अब बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट के आदेश पर ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट की संस्थापक किशोरी मेहता 2002 में बीमार पड़ गईं। वह इलाज के लिए विदेश गयीं। इस दौरान उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट की देखभाल की। आरोप है कि विजय मेहता ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने बेटे और भतीजों को ट्रस्टी बना दिया और किशोरी मेहता को ट्रस्टी पद से हमेशा के लिए हटा दिया। 2016 में किशोरी मेहता फिर से ट्रस्टी बन गईं। वह आठ वर्षों तक इस पद पर रहीं। 2024 में किशोरी मेहता की मृत्यु के बाद उनके बेटे प्रशांत मेहता स्थायी ट्रस्टी बन गए और अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड का ऑडिट किया गया और यह घोटाला प्रकाश में आया है। फिलहाल इस मामले की गहन छानबीन जारी है।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर