मुरादाबाद : जिलाधिकारी व जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंह ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति के दृष्टिगत राहत व बचाव काे लेकर अधिकारियाें काे आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही साथ बाढ़ के पानी में डूबने के कारण होने वाली घटनाओं को न्यूनीकृत किये जाने के सम्बंध में शासन स्तर से दिए गए निर्देशों के अनुरूप विस्तृत गाइडलाइन जारी की। डीएम ने कहा कि तैरने या पानी में स्नान करते समय स्टंट न करें या सेल्फी आदि न लें, ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान नदी, नहर, कुआँ, तालाब, गहरे गड्ढे, झील, पोखर आदि जलाशयों में स्नान करने, जानवर नहलाने या कपड़े धोने जैसे दैनिक कार्य करते हुए विभिन्न कारणों से अनजाने में बच्चों, किशोर-किशोरियों तथा वयस्क व्यक्तियों की डूबने से मृत्यु हो जाती है। सावधानी, सतर्कता एवं जागरूकता के द्वारा इस अमूल्य जीवन को नष्ट होने से बचाया जा सकता है।
डीएम ने अपील की कि तेज धार या उफनायी हुई नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में स्वयं एवं अपने परिजनाें को जाने से रोकें, बच्चों को पुल, पुलिया, ऊँचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें, नदी या जल निकाय के किनारों पर न जाएं, यदि अति आवश्यक हो तो पानी में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें, यदि उस स्थान या घाट के आस-पास कोई सलाह या दिशा-निर्देश लिखें हों तो उनका पालन करें। भली प्रकार तैरना जानते हों तभी पानी में उतरें/स्नान करें अन्यथा स्थानीय प्रशासन द्वारा बताये गए स्नान करने के चिह्नित घाटों पर ही स्नान करें। एक साथ परिवार के कई लोग नदी या अन्य घाटों पर स्नान न करें। बच्चों को यदि स्नान करना हो तो बड़ों की कुशल देखरेख में ही स्नान करने दें।अभिभावक कम उम्र के बच्चों को नदियों एवं तालाबों में नहाने के लिए, नदियों एवं तालाबों के पास अकेले न छोड़ें।
डूबने से होने वाली मौतों के प्रमुख कारण
- खतरों की उपेक्षा या खतरों को कमतर आंकना
- खतरों के बारे में गलतफहमी अर्थात गलत जानकारी
- सही व सटीक जानकारियों के बिना नहर में जाना
- निगरानी एवं पर्यवेक्षण की कमी।