नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (former Chief Minister Arvind Kejriwal and Deputy Chief Minister Manish Sisodia) की उनके खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए ईडी को समय दे दिया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को करने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है।
सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील एन हरिहरन और सिसोदिया की ओर से पेश वकील विक्रम चौधरी ने कहा था कि सिसोदिया के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए ईडी ने जरूरी अनुमति नहीं ली थी। उसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेकर गलती की है।
याचिका में कहा गया है कि अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत लोकसेवक के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति के बिना संज्ञान नहीं लिया जा सकता है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट की ओर से चार्जशीट पर संज्ञान लेना कानून-सम्मत नहीं है इसलिए उस आदेश को निरस्त करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत दी थी। ईडी ने इस मामले में सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 01 जून तक की अंतरिम जमानत दी थी जिसके बाद केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया था। केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने 10 मई को छठी पूरक चार्जशीट दाखिल किया था जिसमें बीआरएस नेता के कविता, चनप्रीत सिंह, दामोदर शर्मा, प्रिंस कुमार, अरविंद सिंह को आरोपित बनाया गया है। कोर्ट ने 29 मई को छठे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।