दहेज उत्पीड़न या विवाद की स्थिति में होगी प्रभावी कार्रवाई
मीरजापुर : दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत यह व्यवस्था है कि शादी के एक महीने के अंदर वर-वधु दोनों पक्षों को मिले उपहारों की सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी को देनी होगी। हालांकि जिले में अभी तक किसी ने भी सूची उपलब्ध नहीं कराई है। अब इसका पालन कराने के लिए जिला प्रोबेशन विभाग तैयारी कर रहा है।
उपहार की सूची में प्रत्येक उपहार का संक्षित्प विवरण और उसके मूल्य का विवरण देना होगा। वर और वधु के सूची पर हस्ताक्षर होंगे। महिला कल्याण विभाग ने दहेज उत्पीड़न की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाये हैं। विवाद की स्थिति में न्यायालय में उपहार की सूची मांगी जाती है, जिसकी कोई मान्यता नहीं होती है। इसके फलस्वरुप प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती है।
जिला प्राबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा सूची भी दस्तावेज होगी। व्यवस्था के तहत दहेज प्रतिषेध अधिकारियों को सलाह देने के लिए सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा। विभाग ने बोर्ड का गठन कर अनुमोदन के लिए शासन को भेज दिया है। सभी विवाह स्थल और गेस्ट हाउस के बाहर बोर्ड लगाया जाएगा। इसमें जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी का नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर भी अंकित होगा।
दहेज लेना और देना अपराध
जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि दहेज लेना और देना, दहेज के लिये उकसाना आदि प्रतिषेध नियम के तहत अपराध है। इसके लिए पांच वर्ष की सजा अथवा 15 हजार रुपये जुर्माना या दहेज की रकम का जुर्माने का प्रविधान है। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दहेज की मांग पर छह माह से दो वर्ष तक की सजा और दस हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है।