मथुरा : बरसाना के बाद मंगलवार को नंदगांव में लठामार होली की धूम शाम तक मची रही। यहां बरसाना के पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे हुरियारों पर हुरियारिनों ने प्रेम पगी लाठियां बरसाईं। इस अद्भुत नजारे को देखकर भक्त राधारानी की जय, नंद के लाला के जय कारे लगाने लगे।
मंगलवार दोपहर बरसाना से फागुआ लेने हुरियारे सखी भाव में नंदगांव के जशोदा कुंड़ पहुंचे। वहां पर नंदगांव वासियों ने उनका स्वागत सत्कार किया। यहां पर बरसाना के हुरियारों ने अपने-अपने सिरों पर पाग बांधी। फिर वे दर्शन दे निकस अटा में ते दर्शन दे नंद दुलारे, कहां छिपाय रखी है माय यशोदा ने पद गाते हुए बरसाना के हुरियारे नंदगांव के नंदबाबा मंदिर पहुंचे। वहां हुरियारों ने पहले नंदबाबा, भगवान कृष्ण, बलराम जी और पूरे परिवार के दर्शन किये। जहां पर नंदगांव के गोस्वामियों ने बरसाना के हुरियारों का स्वागत किया। इसके बाद नंदबाबा मंदिर में बरसाना-नंदगांव वासियों द्वारा होली के पदों का गायन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान जमकर अबीर, रंग और गुलाल उड़ाया गया। जिन्हें सुनकर देश-विदेश से आए श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचने लगे। मंदिर पर समाज गायन और रंग, अबीर गुलाल की होली खेलने के बाद हुरियारे रंगीली गली व नंदगांव चौक पहुंचे, जहां पर उनकी पहले से प्रतीक्षा कर रही नंदगांव की हुरियारिनों ने हास्य परिहास के बाद बरसाना के हुरियारों पर जमकर लड्डों के प्रहार करना प्रारंभ कर दिया। उनके प्रहारों को हुरियारों ने अपनी ढालों पर झेला। जिसे देखकर श्रद्धालु जयकार करने लगे। अंत में लाडली लाल के जयकारे लगा कर होली का समापन हो गया।
होली खेलकर लौटने पर बरसाना में हुआ नाच गाना
जब रात्रि में बरसाना के हुरियारे होली खेलकर नाच-गाकर खुशियां मनाते हुए राधा जी के धाम पहुंचे। उन्होंने जैसे ही कस्बे में प्रवेश किया तो बरसाना की गोपियां भी उनके साथ शामिल हो गई। हुरियारों और गोपियों ने जमकर नृत्य किया। जहां से झंडी को लेकर लाडली जी मंदिर पहुंचे और राधाजी को जीत की सूचना दी। इस अवसर पर भक्तों ने हुरियारों का दूध पिलाकर स्वागत किया। इस होली नृत्य की मान्यता है कि जिसके संतान नहीं होती है उस परिवार के स्त्री-पुरुष दोनों नाचें उनके अवश्य पुत्र होता है।
होली पर गर्भ गृह से बाहर विराजमान होते हैं कृष्ण बलराम
नंदबाबा मंदिर में भगवान कृष्ण अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान रहे। होली के दिन भगवान कृष्ण अपने भाई बलराम के साथ नन्द बाबा मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकले और आंगन में विराजकर प्रतीकात्मक होली खेली। यहीं पर भक्त भगवान के दर्शन करते हैं।
राधा राना के प्रतीक स्वरूप झंडी लेकर जाते हैं नंदगांव
यशोदा कुंड पर स्वागत करने के बाद बरखाना के हुरियारे नंदबाबा मंदिर के लिए गाए। इस दौरान उनके हाथ में राधा रानी स्वरूप झंडी थी। होली के रसिया गाते हुए हुरियारे मंदिर पहुंचे और वहां भगवान से फागुआ लिया।