
पुणे : (Pune) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जल संरक्षण परियोजना ‘जलयुक्त शिवार’ का दूसरा चरण जल्द शुरू होगा।‘जलयुक्त शिवार अभियान’ 2014 में शुरू किया गया था जब फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने नदियों को गहरा और चौड़ा करने, सीमेंट और मिट्टी को रोकने के लिए ‘स्टॉप डैम’ बनाने और नालों को पुनर्जीवित करने तथा खेती के उद्देश्य से पानी की उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से कृषि तालाबों को खोदने के लिए शुरू किया था।
इसका उद्देश्य प्रति वर्ष 5000 गांवों में पानी की कमी को दूर कर राज्य को सूखा मुक्त बनाना था।हालांकि, 2019 के अंत में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद यह परियोजना घटिया काम और पक्षपात के आरोपों में फंस गई। अक्टूबर 2020 में एमवीए नीत सरकार द्वारा जांच शुरू की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है।
फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र के 50 फीसदी हिस्से में बारिश होती है। हमारे पास जल संरक्षण के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। हम जल्द ही जलयुक्त शिवार का दूसरा चरण शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस परियोजना के साथ 20,000 गांवों में पानी का संरक्षण करने में कामयाब रहे। लगभग 37 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचाई के तहत आई, जिससे किसानों को एक साल में दो फसलों की खेती करने में मदद मिली।’’ फडणवीस ने कहा कि यह परियोजना इस वर्ष महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ मौसम मॉडल अल नीनो प्रभाव का पूर्वानुमान जता रहे हैं, जिसके लिए बड़े पैमाने पर जल संरक्षण की आवश्यकता हो सकती है।अल नीनो प्रभाव भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ क्षेत्रों में सूखा ला सकता है, जबकि यह दुनिया के अन्य हिस्सों में बाढ़ ला सकता है।