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Madhya Pradesh : परमार दंपत्ति खुदकुशी मामले को मुद्दा बनाकर ईडी के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में कांग्रेस

सीहोर : (Sehore) मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में आष्टा निवासी कांग्रेस नेता मनोज परमार (Congress leader Manoj Parmar) और उनकी पत्नी द्वारा खुदकुशी किए जाने के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर भाजपा पर हमलावर है। पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा तक में इस मुद्दे पर ईडी और भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस का आरोप है कि परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था, क्योंकि मनोज के बच्चों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर ईडी के सहायक संचालक (भोपाल) संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मध्य प्रदेश कांग्रेस इस तैयारी में भी है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सीहोर बुलाया जाए, ताकि ईडी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जा सके।

मामले में कांग्रेस की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के विपक्ष को सिर्फ सत्ताधारी दल से नहीं लड़ना पड़ रहा है, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं से भी लड़ना पड़ रहा है। ये संस्थाएं सत्ताधारी दलों की टूल हो गई हैं। विपक्ष को इनसे भी जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मनोज परमार के मामले में जो कुछ सामने आया है, वह दुखद है। उन्होंने कहा कि पिछले समय में जिस तरह से स्वायत्तशासी संस्थाओं को टूल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, वह भी सामने आया है। मामले में सुसाइड नोट में यह बात सामने आई है। उन्हें धमकी दी जाती है कि एक दल ज्वॉइन कीजिए। विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री भी हो जाएंगे तो भी उनकी धाराएं कम नहीं होंगी। इस तरह की धमकी भरी बातों ने कई सवाल खड़े किए हैं।

नटराजन ने कहा कि जिस तरह से एक राजनीतिक पार्टी के लीडर के प्रति प्रेम और विश्वास की वजह से टॉर्चर किया गया है। यह भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली घटना है। सुसाइड नोट में जिस बात का जिक्र है, वह टॉर्चर करने वाला है। नटराजन ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि जिस तरह से हाथरस की घटना, निर्भया की घटना के मामले में राहुल गांधी ने सहयोग की भावना रखी है, उस तरह आष्टा की घटना के मामले में भी वे ध्यान देंगे। राहुल गांधी संसद के बाद आज शाम तक इस मामले में कुछ फैसला कर सकते हैं। नटराजन ने कहा कि देश में बहस की परम्परा रही है, जिसे नष्ट करने की कोशिश देश और प्रदेश के स्तर पर हो रही है। संसद में संविधान को लेकर जब बात हो रही है तब प्रदेश में अलग-अलग स्वायत्तसेवी संस्थाओं का इस्तेमाल सत्तारूढ़ दल विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए, आम लोगों की आवाज को दबाने के लिए कर रही है।

दरअसल, मनोज परमार और उनकी माता नेहा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली थी। आष्टा निवासी मनोज कांग्रेस नेता और कारोबारी थे। पांच दिसंबर को ईडी ने ऋण के रुपयों का दुरुपयोग करने के केस में उनके घर-दफ्तर पर छापा मारा था। घटनास्थल से छह पेज का टाइप किया हुआ सुसाइड नोट मिला था, जिसमें ईडी पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए थे। मनोज परमार के पुत्र जतिन परमार ने कहा था कि ईडी अधिकारियों ने मानसिक रूप से दबाव बनाया था। इस कारण माता-पिता ने आत्महत्या कर ली। मनोज के भाई राजेश परमार ने भी यही आरोप दोहराए। सीहोर के एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि अब स्वजन के बयान लिए जाएंगे।

घटना के बाद आष्टा पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मनोज की मौत के लिए भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईडी जिम्मेदार हैं। यह एक सरकारी हत्या है। नौ साल पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया और अब ईडी आ गई। मृतक के बच्चों ने बताया है कि ईडी डिप्टी डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने उन्हें बार-बार यातना दी। उन्होंने बताया कि हमें भाजपा ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस आंदोलन करेगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक्स पर पोस्ट भेजकर ईडी के निदेशक से मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था।

भाजपा ने किया पलटवार

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी बच्चे के सहारे झूठ फैला रहे हैं। पहले बच्चे को बहलाया-फुसलाया, फिर सिखाया-पढ़ाया और आखिरकार झूठ बुलवाया। वहीं प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि शोकाकुल को अपनी झूठी एवं कुत्सित राजनीति में शामिल करना कांग्रेस का घटिया चरित्र है। आत्महत्या या मृत्यु किसी की भी हो, अत्यंत दुखद होती है। यह पीड़ित परिवार पर वज्रपात की तरह है और भाजपा इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार तथा बच्चों के साथ है। ऐसे में कांग्रेस बच्चों को गुमराह कर रही है, जो गलत है।

विजयवर्गीय बोले- मनोज परमार जैसों को लाकर प्रतिष्ठा कम नहीं करना चाहते

इधर, कांग्रेस के आरोपों पर प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में हम मनोज परमार जैसे लोगों को बीजेपी में लाकर पार्टी की प्रतिष्ठा कम करना नहीं चाहते। ये बेबुनियाद आरोप है। हम अच्छे लोगों को बीजेपी में आमंत्रित करते हैं।

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