लखनऊ : (Lucknow) उत्तर प्रदेश सरकार विकसित कृषि संकल्प अभियान (Vikasit Krishi Sankalp Abhiyan) के तहत प्रगतिशील किसानों को सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा और रागी के बीजों का मिनी किट नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। सरकार ने खरीफ के मौजूदा सीजन (2025) में प्रगतिशील किसानों को अलग-अलग फसलों के बीज के 4.58 लाख मिनी किट नि:शुल्क बांटने का लक्ष्य रखा है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि करीब डेढ़ दशक पहले हुए एक सर्वे के मुताबिक 1962 में देश में प्रति व्यक्ति मोटे अनाजों की सालाना खपत करीब 33 किलोग्राम थी। हालांकि 2010 में यह घटकर करीब 4 किलोग्राम पर आ गई। दरअसल हरित क्रांति के पहले कम खाद, पानी, प्रतिकूल मौसम में भी उपजने वाला और लंबे समय तक भंडारण योग्य मोटे अनाज हमारी थाली का मुख्य हिस्सा थे। पर, हरित क्रांति में गेहूं-धान पर सर्वाधिक फोकस, सिंचाई के बढ़ते संसाधन एवं रासायनिक खादों एवं रसायनों की उपलब्धता की चकाचौंध में हमने “कुअन्न” का कलंक लगाकर इनको भुला दिया। पर इन कुअन्नों या मोटे अनाजों में भरपूर मात्रा में डायटरी फाइबर, प्रोटीन, बसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम एवं आयरन मिलते हैं। इस लिहाज से खुद में ये कुअन्न पोषण के पॉवर हाउस हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि मसलन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च (Indian Institute of Millet Research) (IIMR-Hyderabad) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर न्यूट्री हब की स्थापना कर नए स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। स्टार्टअप शुरू करने वाले को हर तरह की मदद दी जाती है। यही नहीं मिलेट को बेस करके 500 से अधिक रेसिपी (Ready to Eat, Ready to Cook) भी तैयार की जा चुकी है। मोटे अनाजों की अधिक उपज देने वाली एवं रोग प्रतिरोधक 150 से अधिक बेहतर प्रजातियां भी लांच की जा चुकी हैं। इनमें 10 अतिरिक्त पोषण वाली और 9 बायोफर्टिफाइड ब्रीडिंग के जरिए पोषक तत्वों को बढ़ाने वाली हैं।
उन्हाेंने बताया कि बीज कृषि निवेशों का प्रमुख घटक है। उत्पादन में इसकी भूमिका करीब 25 फीसद होती है। सरकार का 2018 में भारत में मिलेट वर्ष मनाने के पहले से ही इस पर फोकस है। अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के आयोजन के पहले गुणवत्ता पूर्ण बीज की उपलब्धता पर और फोकस किया गया। अब तो योगी सरकार हर तरह के और प्रदेश के सभी नौ तरह की कृषि जलवायु के अनुकूल गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता के लिए किसानों के मसीहा माने जाने वाले स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण (Prime Minister Chaudhary Charan) के नाम पर पांच बीज पार्क भी बनाने जा रही है। लखनऊ के रहमान खेड़ा में स्थापित होने वाले बीज पार्क के लिए तो काम भी शुरू हो गया है।