पार्टी में शीर्ष नेताओं द्वारा अनदेखी और अपमानित किए जाने का लगाया आरोप
लखनऊ : (Lucknow) चुनाव नजदीक आते ही विभिन्न दलों के नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना और लोकसभा 2024 चुनाव की तैयारियों में जुटी राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) (रालोद) में चुनाव से पूर्व पार्टी व संगठन में चल रही अंर्तकलह खुलकर सामने आने लगी है। इसके चलते पार्टी के पुराने और कद्दावर नेताओं द्वारा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का दौर शुरू हो गया है। इस अंर्तकलह और शीर्ष नेताओं द्वारा अनदेखी के चलते रालोद के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष समेत अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय सचिव ने पार्टी से त्यागपत्र देकर पार्टी में हलचल पैदा कर दी है।
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बातचीत में बुधवार को बताया कि पार्टी अपने बेस वोटर किसान की आवाज को उठाना भी बंद कर दिया है। जो भी नेता किसानों की आवाज उठाना चाहता है उसे दबा दिया जाता है। दिल्ली कार्यालय में स्व घोषित नेता राष्ट्रीय लोक दल के बेस वोट जाट, मुसलमान तथा किसानों से नफरत करते हैं। वह चाहते हैं कि प्रत्येक नेता तथा कार्यकर्ता उसके सामने दंडवत रहे, मेरे लिए ऐसा करना संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि मैंने पहले स्व. चौधरी चरण सिंह को उसके बाद स्व० चौधरी अजीत सिंह तथा अब आपको (जयंत चौधरी) को नेता माना और पार्टी की 36 वर्ष तक सेवा की। पार्टी हारी या जीती हर स्थिति में साथ खड़ा रहा लेकिन पूरी ईमानदारी तथा वफादारी से काम करना अब संभव नहीं है। इसलिए दुःखी होकर भारी मन से राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पद तथा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र पार्टी अध्यक्ष को सौंप दिया।
इसी तरह अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद ने संगठन मंत्री और कार्यालय प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने अल्पसंख्यकों को अपमानित करने का आरोप की पार्टी में बात कही। आरिफ महमूद ने पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। वहीं युवा राष्ट्रीय सचिव अमित कुमार पटेल ने पार्टी नेताओं की कार्यशैली से नाराज होकर रालोद के पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। लोकसभा चुनाव से पूर्व पार्टी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं के इस्तीफे को लेकर संगठन के उच्च पदाधिकारियों में हड़कम्प मच गया है।