लखनऊ : शास्त्रीय संगीत में बाल, किशोर और युवाओं ने अपनी-अपनी प्रतिभा दिखाई। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से शास़्त्रीय संगीत की प्रतियोगिताएं सोमवार से शुरू हो गई। पहले दिन सोमवार को बाल और किशोर वर्ग की ध्रुपद, धमार, ख्याल तराना, ठुमरी, दादरा गायन की प्रतियोगिता हुईं, जिसमें प्रियांक्षी, कुलय और किन्जल शर्मा अव्वल रहीं। वहीं मंगलवार को युवा वर्ग में ध्रुपद, धमार, ख्याल तराना, ठुमरी, दादरा गायन की प्रतियोगिता सुबह 11 से होगी। प्रतिस्पर्धाएं 28 अप्रैल तक गोमती नगर विपिन खंड स्थित अकादमी परिसर में आयोजित होगी।
अकादमी के निदेशक तरुण राज के मार्गदर्शन में प्रदेश के 19 संभागों के प्रथम आए ध्रुपद, धमार, ख्याल तराना, ठुमरी, दादरा गायन, तंत्र, गज, सुषिर, तबला, पखावज वादन और कथक नृत्य के प्रतिभागी इसमें भाग ले रहे हैं। पहले दिन वाराणसी की डॉ.रागिनी सरना, कानपुर के पंडित विनोद द्विवेदी और स्थानीय स्वागता मुखर्जी के निर्णायक मंडल के समक्ष बाल और किशोर वर्ग की ध्रुपद, धमार, ख्याल तराना, ठुमरी, दादरा गायन की प्रतियोगिता हुई।
बाल वर्ग के ख्याल तराना प्रतियोगिता में कानपुर की प्रियाक्षी पाण्डेय प्रथम रही, जबकि मेरठ की श्रेयशी बेरा दूसरे और लखनऊ की अनुषा त्रिवेदी तीसरे स्थान पर थीं। बाल वर्ग की ठुमरी दादरा प्रतियोगिता में कानपुर की कुलया भरद्वाज पहले, वाराणसी के कन्हैया पण्डेय दूसरे और नित्या सेठ तीसरे स्थान पर रहीं, जबकि बाल वर्ग के ध्रुपद धमार में वाराणसी की किंजल शर्मा अव्वल रहीं। प्रतियोगिता की संयोजिका और संगीत सर्वेक्षक रेनू श्रीवास्तव है।
बाल वर्ग की ख्याल ताराना प्रतियोगिता में मऊ की आंचल गौड़ ने राग भैरवी झप ताल में ‘मानो कान्हा चलो, हटो करो न बतिया’ सुनाकर अपनी तैयारी का परिचय दिया। आगरा के चिराग प्रभाकर ने राग भैरव में ‘बिना हरी कौन खबर लेत मोरी’ सुनाकर अपनी प्रबल दावेदारी पेश की वहीं वाराणसी की सायोन मुखर्जी ने राग यमन में ‘मैं कैसे जाऊंगी…’ सुनाकर अपना प्रभावी परिचय दिया।
इस क्रम में कानपुर की प्रियाक्षी पाण्डेय ने राग बागेश्री में ‘रंग मोपे न डारो.., मेरठ की श्रेयसी बेरा ने राग यमन में ‘सुमिरन करूं मैं तोरा’, अयोध्या की अंशिका सिंह ने राग भीमपलासी में छोटा ख्याल ‘कोयल बोले अमवा’, झांसी की कनिष्का कैथवास ने राग बिहाग में बड़ा ख्याल ‘कैसे सुख साहे’, गोरखपुर के दर्श मिश्रा ने राग मालकौंस बड़ा ख्याल ‘मइया तेरा लाल’, मिर्जापुर के ओमकार सिंह ने राग अहिर भैरव में ‘अलसाने हो लालन’, अतर्रा के हृदयांश कुशवाहा ने राग भैरव में ‘बिना हरी कौन खबर मोरी लेत’ सुनाया।
लखनऊ की अनुषा त्रिवेदी ने राग दुर्गा में ‘शरण तेरी मां भवानी’ सुनाया। अनिकेत शुक्ला ने राग यमन में बड़ा ख्याल ‘भज ले हरी नाम’ सुनाकर प्रशंसा हासिल की। बाल वर्ग में ठुमरी दादरा प्रतियोगिता में गोरखपुर की अनुष्का मिश्रा ने राग भैरवी में ‘आया करे जरा कह दो सांवरिया से’, कानपुर की कुल्य भरद्वाज पाण्डेय ने ‘सजनवा घर आ जा’, जौनपुर की नित्या सेठ ने ‘मोरा सइयां बुलावे’ और वाराणसी की कन्हैया पाण्डेय ने राग भैरवी में ‘नैया पड़ी मझधार’ मधुर स्वरों में सुनाया।
किशोर वर्ग में ख्याल तराना प्रतियोगिता में बांदा की प्रियंका ने राग मालकौंस में ‘सखि रि आहूं’ वाराणसी की हरि प्रिया पाण्डेय ने राग विहाग में बड़ा ख्याल ‘मुरत आज निहारी माई’ सुनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। किशोर वर्ग की ध्रुपद धमार प्रतियोगिता में अयोध्या की अर्चिता मौर्या ने राग मालकौंस ने ‘गान तान सुख साधन’ और कानपुर की वैष्णवी तिवारी ने राग दरबारी में ‘ध्यान धरत जोगी जन’ ने सुनाया वहीं किशोर वर्ग की ठुमरी दादरा प्रतियोगिता में वाराणसी की वागीशा पाण्डेय ने राग भैरवी में ‘नैया पड़ी मझधार’ ने सुनाकर तालियां बटोरीं।