लखनऊ:(Lucknow) लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी काफी गंभीर है। संगठन को मजबूत बनाने से लेकर दूसरी पार्टियों के नेताओं को अपनी पार्टी में लाने के लिए संगठन के प्रमुख लोग दिन-रात एक कर रहे हैं। हर दिन दूसरी पार्टियों के प्रमुख नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाने का सिलसिला चल रहा है।
दूसरी तरफ पार्टी ने प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को तीन हिस्सों में बांटकर वहां तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। पहली और दूसरी श्रेणी में 30-30 सीटों को रखा गया है। तीसरी श्रेणी में 20 सीटें हैं। पहली श्रेणी वह है जहां कांग्रेस पार्टी सबसे मजबूत रही है। उसके बाद जहां पर कांग्रेस मध्यम श्रेणी में हैं। तीसरी वह है, जहां पर कांग्रेस के उम्मीदवार न के बराबर चुनाव लड़ते हैं और वहां पर कांग्रेस को बहुत बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पूरे प्रदेश में कांग्रेस मात्र एक सीट सोनिया गांधी की रायबरेली से जीत पायी थी। उसको वोट भी पूरे प्रदेश में सिर्फ 54 लाख 57 हजार 269 मिले थे। यह 6.36 प्रतिशत था। प्रियंका गांधी वाड्रा की पूरे प्रदेश में काफी सक्रियता के बावजूद कांग्रेस का 2014 के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव में 1.17 प्रतिशत कम वोट मिले थे।
फिलहाल यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वह बूथ कमेटियों को सक्रिय कर लें। आने वाले दिनों में जल्द ही प्रदेश मुख्यालय से लोकसभा वार प्रभारी भी पार्टी घोषित करेगी। इधर समाजवादी पार्टी के साथ बढ़ती तल्खियों के बीच कांग्रेस ने फिलहाल ‘एकला चलो रे’ की नीति पर काम शुरू कर दिया है। कुछ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यूपी में दूसरे किसी भी दल से समझौता से बेहतर है कि हम स्वयं पर विश्वास करें और अपनी स्थिति को मजबूत बनायें। संगठन के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारी यूपी में जो स्थिति है, उसमें कोई भी पार्टी हमें 15 से 20 सीटें देने के लिए ही तैयार होगी। ऐसी स्थिति में हमें स्वयं ही तैयारी करनी चाहिए। जब हम मजबूत स्थिति में रहेंगे तो हमारी पूछ आगे बढ़ेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी के अनुसार कांग्रेस पार्टी प्रदेश की सभी 80 सीटों पर दमदारी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने बूथ स्तर तक संगठन को खड़ा कर लिया है। बूथ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिए जाने का भी काम लगातार जारी है। इसके साथ ही जल्द ही ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकें शुरू की जाएंगी।