नेपोलियन (1763-1814) का पत्र जोसेफिन के नाम

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इतिहास के सर्वाधिक प्रसिद्ध शासकों में से एक, फ्रांस के नेपोलियन बोनापार्ट का 1795 में जोसेफिन नाम की युवती से विवाह हुआ था। विवाह के दो दिन बाद ही नेपोलियन को इटली के खिलाफ अपने विजय अभियान पर कूच करना पड़झा कहा जाता है कि शुरू-शुरू में जोसेफिन को नेपोलियन से उतना प्रेम नहीं था, जितना नेपोलियन को उससे। हालांकि बाद में वह भी उसी शिद्दत से उसे प्रेम करने लगी थी। पर बेटे का जन्म न हो पाने के कारण आपसी रजामंदी से नेपोलियन को 1809 में उसे तलाक दे देना पड़ा।

तुम्हारें खत का तलबगार हूं

वेरोल, 1797
सेफिन को, मिलान में, मैं अब तुमसे प्यार नहीं करता, उल्टे मैं तुम्हें सख़्त नापसंद करता हूं। तुम मक्कार हो, सचमुच विकृत, सचमुच मूर्ख, एक साक्षात सिंड्रेला। तुम कभी मुझे लिखती तक नहीं, तुम अपने पति से प्रेम नहीं करती। तुम्हें मालूम है कि तुम्हारे पत्र मुझे कितना आनंद देते हैं। फिर भी तुमसे आधा दर्जन पंक्तियां भी नहीं लिखी जाती, जिन्हें क्षण भर में काग़ज पर घसीटा जा सकता है! तो फिर सारा दिन तुम क्या करती रहती हो, मैडम? कौन-सा काम इतना महत्वपूर्ण है कि तुम अपने वफादार प्रेमी को पत्र लिखने का समय नहीं निकाल पातीं? उसे अपना वह विनम्र और निरंतर प्रेम नहीं दे पातीं, जिसका तुमने वायदा किया था? यह कौन-सा शानदार नया प्रेमी है जो तुम्हारा हर क्षण चुरा लेता है, तुम्हारे दिनों पर हावी रहता है, और तुम्हें अपने पति की तरफ ध्यान देने से रोकता है? सावधान जोसेफिन, किसी एक रात दरवाजे टूटे पड़े होंगे और सामने मैं खड़ा होऊंगा। सच्चाई यह है, माय लव, कि तुम्हारी कोई ख़बर न पाकर मैं बहुत चिंतित हूं। मुझे फौरन एक चार पृष्ठ लंबा पत्र लिखो, जिसमें वे मोहक शब्द हों, जो मेरे दिल को भावनाओं और आनंद से सराबोर कर दें। मुझे उम्मीद है मैं जल्दी ही तुम्हें फिर से बांहों में भर सकूंगा और तुम्हारे लाखों चुंबन बोनापार्ट ले सकूंगा, सूर्य की तरह जलते हुए चुंबन।

बोनापार्ट