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Kota : हजार बर्क गिरें लाख आंधियां उठें, वो फूल खिलकर रहेंगे जो खिलने वाले हैं- जिला कलक्टर

कोटा : शिक्षा नगरी कोटा में सुसाइड की रोकथाम करने एवं कोचिंग विद्यार्थियों का मनोबल बढाने के लिये कोटा कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के नाम अपनत्व भरी एक पाती लिखी है। उन्होंने कोचिंग विद्यार्थियों को साहिर की पंक्ति ‘हजार बर्क गिरें लाख आंधियां उठें, वो फूल खिलकर रहेंगे जो खिलने वाले हैं’ भेजकर लिखा कि ईश्वर जीवन में संघर्षाें पर विजय भी दिलाता है। आप कुछ दिन बाद जेईई-एडवांस्ड और नीट के पेपर देंगे। हमें याद रखना है कि असफलता हमेशा गलतियों से सीखकर सफलता में बदलने का मौका देती है।

ये प्रवेश परीक्षायें एक पडाव मात्र है न कि मंजिल। इसमें असफल होना जीवन की दिशा निर्धारित नहीं कर सकता। मैं स्वयं पीएमटी में फेल हो चुका हूं। हम सिर्फ मेहनत कर सकते हैं, फल ईश्वर को देना है। हो सकता है वो हमारे लिये दूसरा अच्छा रास्ता बना रहा हो। आप माता-पिता और देश की महान संतान है, कोई एक परीक्षा आपको लक्ष्य से नहीं रोक सकती है। आप चल रहे हो तो गिरोगे भी लेकिन गिरकर उठना और मंजिल तक बिना रूके चलते रहना ताकि यह देश आगे जाकर आप पर गर्व कर सके।

अपने बच्चों की खुशी को परीक्षा के अंकों से जोडकर नहीं देखें –

परिजनों के नाम लिखी पाती में डॉ गोस्वामी ने लिखा कि कुछ समय बाद नीट एवं जेईई-एडवांस्ड परीक्षायें होंगी। आपने अपने बच्चों को पढने के लिये कोचिंग, हॉस्टल, मैस जैसी सभी सुविधायें दी हैं। अपनी संतानों के लिये आपका समर्पण अतुलनीय है। मां-बाप के लिये बच्चे की खुशी से बढकर दूसरी कोई खुशी नहीं हो सकती। लेकिन समस्या तब खडी हो जाती है जब हम अपने बच्चे की खुशी को उसके एक परीक्षाा में अर्जित अंकों से जोडकर देखते हैं।

उन्होंने लिखा कि कोई व्यक्ति एक परीक्षा पास करने से ही सफल नहीं हो जाता है। हो सकता है बच्चे ने पूरी मेहनत की हो लेकिन परीक्षा देते समय उसका दिन खराब हो, उसकी रूचि उस विषय में न हो। वो एक पंछी के समान है जो उंची उडान भरने के लिये दौड रहा है। आप अपने बच्चे को अपनी गलती सुधारने का मौका दें। जैसा मेरे माता-पिता ने मुझे दिया थाख् जब मैं कोटा से लौटकर चला गया था। याद रखें, बच्चा जो भी करेगा, पूरे मन से करेगा। जो करेगा आपके लिये करेगा। इसलिये अगले कुछ दिन उससे रोज बात करें। समझायें कि दुनिया में ऐसा कोई नहीं जो फेल न हुआ हो, किसी ने गलती न की हो। हर इंसान डॉक्टर या इंजीनियर बनकर ही सफल नहीं होता है।

जिला कलक्टर ने लिखा कि बच्चे मुझसे डिनर विद कलक्टर में पूछते हैं कि यदि मैं फेल हुआ तो माता-पिता मुझसे कभी बात नहीं करेंगे। मैं उनको विश्वास दिलाता हूं कि माता-पिता आपके पास या फेल होने से नहीं, आपकी खुशी से खुश होते हैं। आप जो भी करें, मन लगाकर करें।

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