
कोलकाता : विश्व भारती विश्वविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को नोटिस जारी कर पूछा है कि 13 डिसमिल के उस भूखंड को खाली नहीं करने के लिए उनके खिलाफ बेदखली का आदेश क्यों नहीं जारी किया जाए, जिस पर उनका कथित रूप से अवैध कब्जा है।
प्रख्यात अर्थशास्त्री सेन (89) को 24 मार्च तक नोटिस का जवाब देने तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार अशोक महतो के सामने व्यक्तिगत रूप से या एक प्रतिनिधि के माध्यम से 29 मार्च तक पेश होने के लिए कहा गया है।
सेन से अपने उस दावे के समर्थन में सबूत भी पेश करने के लिए कहा गया है कि उनका भूखंड पर अवैध कब्जा नहीं है।
नोटिस में कहा गया है, ‘‘यदि आप और आपके अधिकृत प्रतिनिधि उक्त तिथि पर उपस्थित होने में विफल रहते हैं, तो मामले का एकतरफा फैसला किया जा सकता है।’’
वर्तमान में विदेश में रह रहे सेन या उनके परिवार के सदस्यों से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो सका है।
विश्वविद्यालय का दावा है कि सेन के पास शांति निकेतन परिसर में 1.38 एकड़ जमीन है, जो उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है।
अर्थशास्त्री सेन ने पूर्व में दावा किया था कि शांति निकेतन परिसर में उनके पास जो जमीन है, उनमें से अधिकांश को उनके पिता ने बाजार से खरीदा था जबकि कुछ अन्य भूखंड पट्टे पर लिए गए थे।