कोलकाता: (Kolkata) अलचिकी लिपि के आविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मू को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने पुण्यतिथि पर याद कर श्रद्धांजलि दी है। गुरुवार की सुबह सीएम ने इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि “आदिवासियों की मुख्य भाषा अलचिकी के आविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रही हूं।”
पंडित रघुनाथ मुर्मू अलचिकी लिपि के आविष्कारक थे। पांच मई 1905 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में डांडबुस नामक गांव में उनका जन्म हुआ था। तकनीकी पेशे में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, उन्होंने बोडोतोलिया हाई स्कूल में अध्यापन का काम संभाला। इस दौरान, उनकी रुचि संथाली साहित्य में हुई। एक फरवरी 1982 को उनका निधन हो गया था। आदिवासी समुदाय में बेहद लोकप्रिय रहे पंडित रघुनाथ मुर्मू की सभी किताबें पश्चिम बंगाल सरकार प्रकाशित कर रही है। मुर्मू ने संथाली भाषा में अलचिकी लिपि की शुरुआत की थी। राज्य सरकार के संथाली भाषा अकादमी की ओर से इन पुस्तकों का प्रकाशन किया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में संथाली को भाषा के रूप में आधिकारिक मान्यता दी गई थी। इसके बाद वाम मोर्चा सरकार में इसके लिए संथाली अकादमी की स्थापना कर दी थी और 2011 में ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद इन भाषाओं के विकास के लिए जोर-शोर से काम किया गया है।