कोलकाता : (Kolkata) राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉक्टर तापस प्रमाणिक (Dr. Tapas Pramanik), जो आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में आंदोलन का प्रमुख चेहरा बने थे, ने स्वास्थ्य सेवा से इस्तीफा दे दिया है।
यह मौजूदा सप्ताह में आरजी कर आंदोलन से जुड़े किसी अधिकारी का दूसरा इस्तीफा है। इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक डॉक्टर अख्तर अली (Dr. Akhtar Ali) ने भी इस्तीफा दे दिया था। उन्हें इस प्रतिष्ठित संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले ‘व्हिसल ब्लोअर’ के रूप में जाना जाता है।
डॉक्टर अख्तर अली, जिनकी आखिरी नियुक्ति उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज स्टेट जनरल अस्पताल (Kaliaganj State General Hospital) में उपाधीक्षक के पद पर थी, ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि आरजी कर सहित राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मुखर होने के बाद वे लगातार प्रशासनिक प्रताड़ना के शिकार हुए।
डॉक्टर तापस प्रमाणिक ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि उन्होंने “लगातार प्रशासनिक विफलता और असहनीय कार्य परिस्थितियों” के कारण यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि आपातकालीन विभाग में रात्रिकालीन ड्यूटी के दौरान मेडिसिन और चेस्ट विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग उन्होंने कई बार की, लेकिन आरजी कर प्रशासन ने उनकी अपीलों को अनदेखा किया।
उन्होंने लिखा, पिछले एक वर्ष से यह स्थिति बनी हुई है। प्रशासन की निरंतर विफलता और अत्यधिक कार्यभार ने मेरे स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर गंभीर असर डाला है। अब इस स्थिति में काम करना असंभव हो गया है।
इसी सप्ताह डॉक्टर अख्तर अली ने भी इस्तीफा देने के बाद मीडिया से कहा था कि उन्होंने भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ अपनी लड़ाई की सीमाएं पार कर ली हैं। उन्होंने कहा, “मैं अब सेवा में रहकर यह लड़ाई जारी नहीं रख सकता, लेकिन राज्य की भ्रष्ट स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ मेरा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।”
डॉक्टर अख्तर अली की याचिका के आधार पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष आरजी कर मेडिकल कॉलेज में करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) (CBI) को सौंपी थी। सीबीआई ने इस मामले में आरजी कर के पूर्व विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष (including RG Kar’s former controversial principal Sandip Ghosh) सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।



