Kolkata : कोर्ट ने विमल गुरुंग का नाम मर्डर केस में शामिल करने का आदेश दिया

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कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सीबीआई को अखिल भारतीय गोरखा लीग (एबीजीएल) के प्रमुख मदन तमांग की 2010 में हुई हत्या के मामले में चार्जशीट में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के सुप्रीमो बिमल गुरुंग का नाम शामिल करने का निर्देश दिया। कोलकाता की एक अदालत ने 2017 में आरोपित व्यक्तियों की सूची से गुरुंग का नाम हटा दिया था। तमांग की पत्नी भारती ने उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती दी।

तमांग की 21 मई, 2010 को दार्जिलिंग में दिनदहाड़े उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह एक सार्वजनिक बैठक की तैयारियों की देखरेख कर रहे थे।

यह कहते हुए कि सिटी सेशन कोर्ट के जज ने गुरुंग को दूसरे आरोपित व्यक्ति से अलग करके गलती की है। हाईकोर्ट के जस्टिस सुभेंदु सामंत ने हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई को गुरुंग का नाम चार्जशीट में शामिल करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति सामंत ने अपने आदेश में कहा, “बिमल गुरुंग के खिलाफ मिलीभगत पर्याप्त रूप से स्थापित हो चुकी है।” गुरुंग के वकील ने सिटी सेशन कोर्ट के समक्ष तर्क दिया था कि जिस दिन तमांग की हत्या हुई, उस दिन उनका मुवक्किल कलिम्पोंग में था और सीबीआई के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

आदेश में कहा गया है, “इस मामले में बिमल गुरुंग के खिलाफ अन्य आरोपितों के साथ आरोप तय किए जाने की आवश्यकता है। सिटी सेशन कोर्ट के विद्वान मुख्य न्यायाधीश द्वारा पारित विवादित आदेश का कथित हिस्सा जिसके माध्यम से बिमल गुरुंग को इस मामले से मुक्त किया गया था, उसे खारिज किया जाता है।” बिमल गुरुंग, उनकी पत्नी आशा और जीजेएम के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हत्या के मामले में 21 दिसंबर, 2016 को कोलकाता की एक सत्र अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।