Kolkata : उपभोक्ता फोरम गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं कर सकता : हाई कोर्ट

0
124

कोलकाता : (Kolkata) कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि उपभोक्ता फोरम निष्पादन कार्यवाही के दौरान गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं कर सकता। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि फोरम केवल नागरिक जेल में हिरासत का आदेश दे सकता है, लेकिन आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार उसे नहीं है।

यह फैसला न्यायमूर्ति सुव्रा घोष (Justice Suvra Ghosh) ने उस याचिका पर सुनाया, जिसमें जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने आदेश को रद्द करते हुए कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत इस तरह का अधिकार उपभोक्ता फोरम को नहीं दिया गया है।

मामला वर्ष 2013 के एक ऋण समझौते से जुड़ा है, जिसमें एक वित्तीय कंपनी ने ट्रैक्टर खरीदने के लिए ऋण दिया था। उधारकर्ता 25 हजार 716 की राशि चुकाने में विफल रहा, जिसके बाद कंपनी ने ट्रैक्टर अपने कब्जे में ले लिया। इसके विरोध में उधारकर्ता ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई और ट्रैक्टर के पंजीकरण प्रमाणपत्र तथा वाहन को वापस सौंपने का निर्देश देने की मांग की।

फोरम ने अपने आदेश में 25 हजार 716 की राशि प्राप्त करने के बाद पंजीकरण प्रमाणपत्र सौंपने का निर्देश दिया था। इसके पालन में जब निष्पादन मामला दायर किया गया तो फोरम ने दिसंबर 2019 में गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।

न्यायमूर्ति घोष ने कहा कि कानूनी रूप से यह प्रश्न उठता है कि क्या उपभोक्ता फोरम निष्पादन कार्यवाही में गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है। इस संबंध में उच्च न्यायालय की एक पीठ पहले ही 2022 में स्पष्ट कर चुकी है कि निष्पादन याचिका के तहत केवल नागरिक जेल में हिरासत का आदेश दिया जा सकता है, न कि गिरफ्तारी वारंट।