Kolkata : कलकत्ता विश्वविद्यालय को मिला स्थायी कुलपति

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कोलकाता : (Kolkata) काफी पुराने कलकत्ता विश्वविद्यालय (Calcutta University) को लगभग तीन साल बाद स्थायी कुलपति मिल गया है। राज्य के छह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नामों पर बुधवार को कुलाधिपति, राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor C.V. Ananda Bose) की स्वीकृति के साथ मुहर लग गई। पहले दिन आशुतोष घोष (Ashutosh Ghosh) ने कार्यभार संभाला।

कलकत्ता विश्वविद्यालय में आखिरी बार 2017-2018 में प्रोफेसर की नियुक्ति हुई थी। प्रशासनिक अधिकारी के पद पर आखिरी नियुक्ति 2020 में हुई थी। वर्तमान में लगभग 59 प्रतिशत (approximately 59 percent) पद रिक्त हैं। कथित तौर पर, स्थायी शैक्षणिक कर्मचारियों के पद पर आखिरी नियुक्ति 18 साल पहले, 2007-08 में हुई थी। स्थायी शैक्षणिक कर्मचारियों के लगभग 70 प्रतिशत पद खाली हैं।

जून 2023 में, राज्यपाल द्वारा मनोनीत शांता दत्ता डे (Shanta Dutta Dey) ने कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार संभाला और सरकार के साथ मतभेद शुरू हो गए। कलकत्ता विश्वविद्यालय की अंतिम स्थायी कुलपति, सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी, (last permanent Vice-Chancellor, Sonali Chakravarti Banerjee) सितंबर 2022 तक इस पद पर रहीं। उसके बाद, आशीष चटर्जी को अंतरिम कुलपति का कार्यभार सौंपा गया।

राज्य के विभिन्न सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति से संबंधित कानूनी दिक्कत्तों के कारण लंबे समय से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित थीं। मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने इस कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए विशिष्ट रूपरेखा वाली एक समिति का गठन किया। उस समिति की सिफारिशों को लागू करने में भी कई दिक्कतें आईं। अंततः करीबन तीन साल बाद समस्या का समाधान हो गया।