कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विपक्षी दलों को धमकाने का आरोप लगाया है।
भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी ने अपने पुराने नारे ‘बदला नहीं, बदलाव चाहिए’ को छोड़ते हुए विपक्ष के कथित अपमान का जवाब देने के लिए आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिया है।
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के स्थापना दिवस रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि बदलते समय और परिस्थितियों को देखते हुए नारे को अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब आपको अपमानित किया जाता है, तो विरोध और प्रतिरोध का समय आ गया है। जब हमलों का सामना करें, तो इसे चुपचाप मत सहें। आप कैसे जवाब देते हैं, यह आप पर निर्भर है।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार ने बनर्जी की टिप्पणी को अभूतपूर्व और धमकी भरा करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि बनर्जी “इतने महत्वपूर्ण पद पर रहने लायक नहीं हैं।”
मजूमदार ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के लिए, जो संवैधानिक रूप से पार्टीगत भावनाओं से ऊपर उठने के लिए बाध्य हैं, ऐसा डराने वाला बयान देना जो लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करता है, यह अकल्पनीय और अभूतपूर्व है।
मजूमदार ने आरोप लगाया कि बनर्जी की टिप्पणियां तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों को विपक्ष के सदस्यों पर हमला करने और लोकतांत्रिक असहमति को दबाने के लिए कानून को अपने हाथ में लेने के लिए उकसा सकती हैं। मजूमदार ने इस बात की भी आलोचना की कि यदि बंगाल में आग लग जाए, तो पड़ोसी राज्य जैसे झारखंड, ओडिशा, असम और यहां तक कि दूरस्थ दिल्ली भी प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने इसे संघीय गणराज्य की भावना के विपरीत बताया।
मजूमदार ने कहा कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के लिए ऐसा बयान देना अकल्पनीय है। वह ऐसे शब्द कैसे कह सकती हैं? उन्होंने उम्मीद जताई कि बनर्जी अपने बयान के माध्यम से किसी चरमपंथी समूह का संकेत नहीं दे रही थीं। उन्होंने आर.जी. कर अस्पताल के डॉक्टरों के आंदोलन को लेकर दिए गए उनके बयान की भी आलोचना की और इसे धमकी भरा और इस बात का संकेत बताया कि वह महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के खिलाफ स्वतःस्फूर्त विरोध को अपने आदेश पर नहीं रोक पा रही हैं।
मजूमदार ने कहा कि माननीय अदालत पहले ही जूनियर डॉक्टरों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बरकरार रख चुकी है। मुख्यमंत्री तब तक उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकती जब तक न्याय नहीं हो जाता।
मजूमदार ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बनर्जी की कथित टिप्पणियों की निंदा करते हुए इसे “राज्य के सर्वोच्च पद से बदला लेने की राजनीति का स्पष्ट समर्थन” बताया। उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि बनर्जी ने बंगाल के जलने पर अन्य राज्यों के प्रभावित होने की बात कहकर देशविरोधी टिप्पणी की है।
मजूमदार ने अपने पत्र में कहा, “यह किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की आवाज नहीं है। यह एक देश-विरोधी की आवाज है।” उन्होंने दावा करते हुए कि ममता बनर्जी अब इतने महत्वपूर्ण पद पर रहने की हकदार नहीं हैं और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की।