Kaushambi : महिला सम्मान के लिए वरदान साबित होगी समान नागरिक संहिता : निशंक

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कौशाम्बी : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होने से महिला-पुरुष के बीच के अधिकार में बराबरी आएगी।

उन्होंने कहा कि यह कानून महिला सम्मान के लिए वरदान साबित होगी। कहाकि यह कानून गोवा में 1857 से लागू है। यदि गोवा में है तो देश में क्यों नहीं लागू हो सकता। विपक्ष का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की आदत होती है कि अच्छे को बुरा बोलना ही बोलना है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल इन दिनों 4 संसदीय क्षेत्र (हमीरपुर, फ़तेहपुर, कौशांबी एवं बांदा) के दौरे पर हैं। जहां वह संपर्क से समर्थन कार्यक्रम के जरिये जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत भरवारी नगर पालिका मंे डॉ पोखरियाल ने कार्यक्रम में हिस्सा लेकर आम जनमानस के प्रबुद्ध वर्ग से चर्चा कर केंद्र सरकार के कार्याे का फीड बैक लिया।

चर्चा के दौरान डॉ पोखरियाल ने कहा कि मुफ्त मकान, पेयजल, बिजली, गैस एवं राशन के बाद भी यदि आदमी की तबियत खराब हो जाये तो इलाज के लिए आयुष्मान भारत जैसी योजना की यात्रा को ही ‘रामराज’ कहते हैं।

उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में बराबरी के लिए यूसीसी जरूरी है। यूनिफ़ार्म सिविल कोड पर बोलते हुए डॉ पोखरियाल ने स्पष्ट किया कि एक समान नागरिक संहिता से सबसे अधिक फायदा महिलाआंे को मिलने वाला है। खास कर बेटियों को संपत्ति के अधिकार से लेकर शादी विवाद के बाद होने वाले उत्पीड़न मंे यह कानून उनके लिए वरदान साबित होगा। इसके लिए उन्होंने मुस्लिम महिलाआंे से साथ होने वाले हलाला व हिन्दू महिलाओं की सती प्रथा का जिक्र किया। कानून के लागू होने से पहले उन्होंने इस पर खुले दिल से चर्चा की बात कही। जिसके लिए उन्होंने एनईपी-2020 का उदाहरण दिया। जिसे लागू करने से पहले सरकार ने 33 करोड़ छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, वैज्ञानिको से चर्चा सुझाव लेकर इसे लागू किया। उसकी तारीफ में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने एनईपी-2020 को गेम चेंजर कहा है।

डॉ रमेश पोखरियाल ने बिना विपक्ष के किसी नेता का नाम लिए कहाकि प्रधानमंत्री मोदी का विजन देश को एकता के साथ ही अखण्ड बनाना है। जिसके तहत यूसीसी पर काम शुरू किया गया है। बताया कि लॉ कमीशन इस पर काम कर रहा है। कुछ लोगों का काम है अच्छे को बुरा कहना ही कहना है। जबकि सही मायने में इस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। महाराष्ट्र के सियासी उठापटक पर पूर्व सीएम डॉ रमेश निशंक ने कहा महाराष्ट्र मे सियासी भूकंप आते रहते हैं और वह आते रहंेगे।