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Kathmandu : अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन सम्बंधी समझौता नेपाल संसद से पारित करने की तैयारी

काठमांडू : (Kathmandu) भारत के प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबन्धन (International Solar Alliance) (आईएसए) सम्बंधी समझौता नेपाल की संसद से पारित करने की तैयारी है। इस समझौते के मसौदे को संसद सचिवालय में दर्ज कर सभी सांसदों को अध्ययन के लिए भेजा गया है।

नेपाल के ऊर्जा मंत्री शक्ति बस्नेत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुड़ने के लिए नेपाल की संसद (Nepal’s Parliament) से इस समझौते को पारित कराने की सरकार की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन अधिवेशन की शुरुआत में ही इस समझौते को पारित करा लिया जाएगा। मंत्री बस्नेत ने बताया कि दुनिया के सौ से अधिक देश अब तक इस गठबंधन से जुड़ चुके हैं। नेपाल भी इससे जुड़कर लाभान्वित होना चाहता है।

नेपाल के दोनों सदनों से इस समझौते को पारित कराना होगा। नेपाल के संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक किसी भी अन्तरराष्ट्रीय सन्धि समझौते को संसद के दोनों सदनों से पारित कराना होता है। इसके लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। ऊर्जा मंत्री बस्नेत ने देश की समृद्धि और विकास के लिए आवश्यक इस समझौते को दोनों सदनों से सर्वसम्मति से पारित होने का विश्वास व्यक्त किया।

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रांस्वा ओलान्द द्वारा 30 नवंबर, 2015 को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के 21वें सत्र (UNFCCC-COP21) के दौरान की गई थी। इसका उद्देश्य सदस्य देशों की विशेष ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के साधन के रूप में सौर ऊर्जा के उपयोग को आगे बढ़ाना है। इस गठबंधन का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर ऊर्जा की निर्भरता को खत्म कर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना भी है।

इसके अतिरिक्त सदस्य देशों को सस्ती दरों पर सोलर टेक्नोलॉजी का प्रबंध कराना व इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। आईएसए सौर-संसाधन संपन्न देशों के बीच सहयोग के लिए एक समर्पित मंच प्रदान करता है। उसके माध्यम से सरकारों, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संगठनों, कॉरपोरेट्स, उद्योग और अन्य हित धारकों सहित वैश्विक समुदाय सौर ऊर्जा के उपयोग और गुणवत्ता को बढ़ाने के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
वर्तमान में 122 देश इसके सदस्य हैं और 87 देशों ने आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें से 67 ने अनुसमर्थन पत्र भी जमा कर दिये हैं।

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