Kathmandu : जेन जेड प्रदर्शन की आड़ में बाहर आए पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछाने को फिर जाना होगा जेल

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काठमांडू : (Kathmandu) नेपाल में सत्ता परिवर्तन के लिए हुए जेन जेड के प्रदर्शन की आड़ में देशभर में (guise of Gen Z protests for change of power in Nepal) जेल ब्रेक की घटनाएं हुईं। इनमें 17 हजार कैदियों के जेल से फरार होने की घटना सामने आई है। इनमें कई वीवीआईपी कैदी से लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन व खूंखार आतंकवादी तक शामिल हैं।

9 सितंबर को जिस समय काठमांडू में प्रदर्शनकारी सरकारी भवनों और नेताओं व मंत्रियों के घरों पर हमला और आगजनी कर रहे थे, उसी समय सबसे पहला जेल ब्रेक ललितपुर के नक्खू जेल में (the first jail break took place in Nakhu Jail of Lalitpur) हुआ। सहकारी घोटाले में आरोपित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने भी इस जेल में बंद (National Swatantra Party President Ravi Lamichhane) थे। उनको छुड़ाने के लिए ही यह जेल ब्रेक किया गया। दो बार गृहमंत्री रहे रवि लामिछाने के समर्थकों ने जेल पर हमला कर सबसे पहले उनको बाहर निकाल लिया।

रवि लामिछाने के कारण उस जेल में बंद 900 से अधिक कैदी जेल से बाहर आ गए। पूरा जेल खाली हो गया और जेल में तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई। उसके बाद बाद ही काठमांडू सहित देशभर में जेल ब्रेक की घटनाएं शुरू हो गईं। इस जेल ब्रेक के दौरान 9 कैदियों के मारे जाने की भी खबर है।

अब जेल प्रशासन ने जेल से फरार सभी कैदियों को वापस जेल में आने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर उनकी सजा और बढ़ाने की चेतावनी दी है। रवि के जेल से निकलने के बाद उन्होंने दावा किया था कि उन्हें गृह सचिव के फैसले के बाद जेल से रिहा किया गया है। हालांकि उनके कानून के विपरीत जेल से बाहर आने की आलोचना के बाद उन्होंने फिर सफाई दी कि जब हालात सामान्य हो जाएंगे तो वो जेल वापस आने के लिए तैयार हैं।

अब जेल प्रशासन ने सूचना प्रकाशित कर रवि लामिछाने सहित सभी फरार कैदियों को अपने अपने जेलों में वापस जाने को कहा है। जेल प्रशासन की सूचना के बाद सैकड़ों कैदी जेल में वापस आने भी लगे हैं। काठमांडू की सेंट्रल जेल से फरार हुए 3300 कैदियों में से 400 सौ से अधिक कैदी खुद वापस आ गए।

इसी तरह नक्खू जेल में रवि लामिछाने के साथ फरार हुए 900 में से 400 से अधिक कैदी के दोबारा वापस आने की जानकारी पुलिस के तरफ से दी गई है। देशभर से सैकड़ों कैदियों को दोबारा हिरासत में लिया गया है। भारत के सीमावर्ती जिलों से भी 100 से अधिक कैदियों को नियंत्रण में लेकर उन्हें नेपाल को सौंपा गया है।