कानपुर : पश्चिमी विक्षोभों के कमजोर होने से उत्तर प्रदेश में बारिश का दौर खत्म हो गया, लेकिन गलन बरकरार है। इसके पीछे सर्द पछुआ हवाएं हैं जो तेज रफ्तार से गंगा के मैदानी इलाकों में आ रही है। इसी के चलते दिन में निकल रही तेज धूप भी बेअसर साबित हो रही है।
मौसम विभाग का कहना है कि यह जेट स्ट्रीम यानी रात्रिचर हवाएं आगामी पांच दिनों तक चलती रहेंगी, लेकिन आगामी 24 घंटे बाद से इनकी रफ्तार में कमी आ सकती है जिससे गलन से कुछ राहत मिल सकती है।
पहाडों से आ रही बर्फीली हवाएं खिली धूप को मात देने में कोई कोताही नहीं बरत रही है और गुरुवार को दिनभर सर्द हवाओं के थपेड़ों ने जनता को खासा परेशान कर दिया। हालांकि सुबह से ही धूप निकली तो लोगों को लगा कि सर्दी से राहत मिलेगी, लेकिन 19 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हवाओं से सर्दी से राहत नहीं मिली। धूप में बैठने के बाद भी हवाएं सर्दी का अहसास कराती रही और लोग गर्म कपड़े पहने रहे। वहीं शाम ढलते ही गलन ने अपना रौद्र रुप दिखाना शुरु कर दिया।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि इन दिनों जेट स्ट्रीम हवाएं चल रहीं हैं जिन्हें रात्रिचर हवाएं भी कहा जाता है और इनकी रफ्तार भी तेज है, जिससे हवा में गलन महसूस हो रही है। यह हवाएं अभी चार से पांच दिन चलती रहेंगी, लेकिन आगामी 24 से 48 घंटे के बीच इसकी रफ्तार में कुछ कमी आएगी। इससे इस बीच गलन से लोगों को राहत मिलेगी और फिर हवाएं तेज होने से गलन बढ़ेगी।
बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 21.0 और न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 83 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 46 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 10.3 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में अगले चार दिनों में हल्के बादलों की आवाजाही के साथ तेज चमकदार धूप और हवाओं की गति थोड़ी कम होने के आसार है, लेकिन वर्षा की कोई संभावना नहीं है।