कानपुर : (Kanpur)कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर – 1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक दोनों लाइनों (‘अप-लाइन‘ और ‘डाउन-लाइन‘) पर ट्रैक निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। यह जानकारी रविवार को प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि अब लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन पर ट्रैक निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस क्रम में सेक्शन बारादेवी से नौबस्ता तक रेल (पटरियों) के वेल्डिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। रेल (पटरियों) को लगभग 5 किलोमीटर तक दोनों लाइनों पर वेल्ड करने यानी बिछाने के बाद अब इनके नीचे स्लैब की ढलाई के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है।
साथ ही बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन पर पिछले साल अक्टूबर माह में बारादेवी स्टेशन से रेल (पटरियों) को बिछाने और एफबीडब्लू (फ्लैश बट्ट वेल्ड) प्लांट से वेल्ड करने का काम शुरू किया गया था। 18 मीटर लंबे और 1 टन वजनी कुल 1150 रेल की पटरियों को और उन्हें वेल्ड करने के लिए एफबीडब्लू (फ्लैश बट्ट वेल्ड) प्लांट को क्रेन के माध्यम से वायडक्ट या उपरिगामी पुल पर पहुंचाया गया। इसके बाद वेल्डिंग की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी और अब किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर स्टेशन होते हुए नौबस्ता तक पटरियों को बिछाने और वेल्ड करने का काम पूरा कर लिया गया है। वेल्डिंग के कार्य के साथ ही निश्चित छोटी-छोटी दूरियों पर इनके नीचे स्लैब की ढलाई का कार्य भी आगे बढ़ रहा है।
कानपुर मेट्रो के बैलास्ट-लेस (गिट्टी-रहित) ट्रैक में प्रयुक्त हो रही ये रेल (पटरियां) हेड हार्डेंड तकनीक से बनीं हैं। ऐसी रेल (पटरियों) का प्रयोग हाई स्पीड फ्रेट कॉरिडोर में भी किया जाता है। कानपुर मेट्रो के बैलास्ट-लेस (गिट्टी-रहित) ट्रैक में रखरखाव की कम से कम आवश्यकता पड़ती है और इनका जीवन-चक्र लंबा होता है। ट्रैक निर्माण के दौरान डिरेलमेंट गार्ड और थर्ड रेल लगाने के प्रबंध भी किए जाते हैं।