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Kanpur : सचिन की मौत या हत्या की गुत्थी सुलझाएगी मेडिको लीगल सेल की जांच रिपोर्ट

डेढ़ साल से चल रही है जांच, विवेचना में हत्या की ओर इशारा कर रहे साक्ष्य

कानपुर : नजीराबाद थाना क्षेत्र में डेढ़ साल पहले सचिन दीक्षित की हुई मौत पर अभी तक सुनिश्चित नहीं हो पाया कि उसकी मौत हुई थी या हत्या की गई थी। पुलिस विवेचना में इस बात के साक्ष्य मिल रहे हैं कि सचिन की हत्या हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम और एफएसएल की जांच रिपोर्ट कुछ अलग कह रही है। इसको देखते हुए पुलिस ने मेडिको लीगल सेल से जांच कराने का आग्रह किया और शनिवार को संयुक्त निदेशक डा. कीतिवर्धन सिंह की टीम ने सीन रिक्रिएट किया। निदेशक का कहना है कि जल्द जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी जाएगी।

उन्नाव निवासी अनिल कुमार दीक्षित ने 25 अक्टूबर 2021 को नजीराबाद थाना में प्राथमिक रिपोर्ट लिखाई थी कि उसके बेटे सचिन दीक्षित की हत्या कर दी गई है। आरोप लगाया था कि कौशलपुरी नजीराबाद थाना निवासी संदीप गुप्ता और उसके बड़े भाई ने बेटे की हत्या अपने घर में की है। यह भी बताया था कि बेटा संदीप के यहां काम करता था। इस पर पुलिस ने विवेचना करते हुए शव को पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे मौत का कारण स्पष्ट न होने पर पुलिस ने एफएसएल से जांच कराई और जांच रिपोर्ट से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई। इस पर मौजूदा थाना प्रभारी व विवेचक कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ने मेडिको लीगल सेल से जांच कराने का आग्रह किया।

इस पर शनिवार को मेडिको लीगल सेल लखनऊ के संयुक्त निदेशक डा. कीतिवर्धन सिंह की टीम ने सीन रिक्रिएट किया। टीम ने हर बिन्दुओं का गहनता से अध्ययन किया और वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करते हुए जल्द जांच रिपोर्ट देने को कहा।

संयुक्त निदेशक ने बताया कि पूर्व में हुई जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि सचिन की मौत एलपीजी गैस लीकेज होने से हुई है। मौके की वस्तुस्थिति देखी गई है और तकनीक का सहारा लेते हुए जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। फिलहाल जिस कमरे में सचिन का शव पाया गया है, वह कमरा क्लोज चैम्बर की भांति कार्य नहीं कर सकता है। कमरे में गैस निकलने की पर्याप्त जगह है और पांच किलो के एलपीजी गैस सिलेंडर को लेकर यह भी तथ्य सामने आया है कि उसकी लीकेज नाममात्र की रही। ऐसे में दम घुटने से मौत की बात वैज्ञानिक तथ्य पर फिलहाल खरी नहीं उतरती दिख रही है।

थाना प्रभारी ने बताया कि उस दौरान मौके पर पहुंचने वाले पुलिस कर्मचारियों द्वारा भी मृतक के शरीर पर चोटों के निशान तथा सामान का अस्त व्यस्त होना अपने कथनों में बताया गया है। साथ ही पंचनामा कर्ता उ0नि0 जग प्रताप सिह द्वारा भी अपने बयानों में स्पष्ट तौर पर बताया गया कि उनके द्वारा भी मृतक के शरीर पर चोटों के निशान देखे गये थे तथा मौके पर पहुंचने वाले किसी भी कर्मचारी द्वारा यह नहीं बताया गया कि घटना स्थल पर गैस की बदबू आ रही थी। बताया कि मेडिको लीगल सेल की जांच रिपोर्ट को विवेचना में जोड़ते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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