सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला
कानपुर : फाइलेरिया यानि हाथीपांव मच्छर के काटने से होने वाला एक ऐसा रोग है जिसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन जब यह होता है तो व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि उन्हें यह संक्रमण हो गया है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इससे बचाव नहीं करने पर हाथ और पैरों में असामान्य सूजन आ जाती है। एक बार लक्षण आने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। यह बातें गुरुवार को जिला अस्पताल उर्सला के सभागार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से आयोजित जनपद स्तरीय मीडिया कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आलोक रंजन ने कही।
सीएमओ ने सभी आमजन से अपील की है कि इस अभियान में सहयोग करें। खुद भी फाइलेरिया की दवा खाएं और अपने लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया इसके लक्षण 05-15 साल बाद जब दिखाई देते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसके लिए जनपद में 10 अगस्त से सामूहिक दवा सेवन अभियान (एमडीए) चलाया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने सामने खिलाएंगे। यह दवा साल में एक बार और लगातार तीन साल तक सेवन करने से फाइलेरिया का खतरा टल जाता है। संचारी रोगों के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. आरपी मिश्रा ने कहा कि लोगों तक यह संदेश जरूर पहुंचना चाहिए कि फाइलेरिया रोधी दवा की एक खुराक उनको और उनके परिवार के भविष्य को हमेशा के लिए सुरक्षित कर देती है। सभी लोग दवा का सेवन करें, यह सुनिश्चित करना समाज के सभी वर्गों की सामूहिक जिम्मेवारी है। क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए एक वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को दवा खानी है। स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम जिले के लक्षित क्षेत्रों में मौजूद घरों पर जाएगी और 37 लाख से अधिक पात्र लाभार्थियों को उनके आयु वर्ग के अनुसार निर्धारित मात्रा में दवा खिलाएगी। इसके लिए कुल 2980 टीम का गठन किया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील) जैसे लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के पांच से पंद्रह वर्ष बाद नजर आते हैं। कार्यशाला में सीफार और पीसीआई संस्थाओं के प्रतिनिधिगण ने भी तकनीकी जानकारियां साझा की। बताया कि सामूहिक दवा सेवन कराने का अभियान सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को प्रातः 11ः00 बजे से शाम 04ः00 बजे तक चलाया जायेगा। किसी भी रुप में दवाओं का वितरण नहीं किया जायेगा।