कामरूप : शंकरदेव संघ के 93वें अधिवेशन के बाद मंगलवार से रंगिया में इस्लाम धर्मावलंबियों का तीन दिवसीय धार्मिक अधिवेशन ‘इस्तेमा’ शुरू हुआ है। असम के सात जिलों और मेघालय के शिलांग जिले के 10 लाख से अधिक इस्लाम धर्मावलंबियों के इस कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना जताई गई है। यह धार्मिक अधिवेशन 15 फरवरी तक चलेगा।
दिल्ली के निजामुद्दीन के छह और असम के कई धार्मिक गुरु इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले मुसलमानों को मजहबी तक़रीर देंगे। धार्मिक नेता धर्म-विरोधी कृत्यों, असामाजिक गतिविधियों, अनैतिक कार्यों, शराब, ड्रग्स आदि से दूर रहने के बारे में इस्लाम धर्मावलंबियों को बताएंगे। इस्तेमा के दौरान ट्रैफिक को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए हजारों इस्तेमा स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी गई है। इस्तेमा में भाग लेने वालों के लिए आवास, भोजन की भी व्यवस्था की गई है।
इस्तेमा शुरू होने से पहले श्रमदान करके करीब 500 बीघा के बड़े मैदान पर पंडाल बनाए गए हैं। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए लोगों ने लगभग 60 हजार बांस के अलावा वाहनों में भरकर चावल की व्यवस्था की है। इस धार्मिक सभा में असम के कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव, दरंग, बाक्सा और मेघालय के शिलांग जिले से लगभग 10 लाख से अधिक इस्लाम धर्मावलंबियों के भाग लेने का दावा किया जा रहा है। इस्तेमा में आखिरी दिन 15 फरवरी को कम से कम 10 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना जताई गई है।