Kabul : पाकिस्तान से एक दिन में 300 परिवार और 350 कैदी अफगानिस्तान भेजे गए

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काबुल : (Kabul) पाकिस्तान से एक दिन में 300 परिवारों और 350 कैदियों को अफगानिस्तान (Afghanistan from Pakistan) भेजा गया है। पाकिस्तान से निर्वासित किए गए इन लोगों की पीड़ा यह है कि उनका सारा सामान वहीं छूट गया है। अफगानिस्तान पहुंचे इन लोगों को उनके संबंधित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया है।

अफगानिस्तान के तुलूअ न्यूज के अनुसार, नांगरहार के अधिकारियों का कहना है कि आवश्यक सहायता प्रदान करने के बाद निर्वासित लोगों को उनके गृह क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। तोरखम में प्रवासी परिवहन प्रमुख बख्त जमाल गोहर (Bakht Jamal Gohar) ने कहा, “पिछले 24 घंटों में 300 परिवारों को वापस भेजा गया है। इसके अलावा पाकिस्तान ने 350 कैदियों को हमें सौंपा है। इनमें निर्वासित लोगों के 20 परिवार शामिल हैं। इनके पास कानूनी दस्तावेज भी हैं। इन प्रवासियों और निर्वासित लोगों को परिवहन समिति (transport committee) ने उनके संबंधित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया है।”

बख्त जमाल गोहर ने कहा कि कुछ निर्वासित व्यक्ति इस्लामिक अमीरात और अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों से अधिक सहायता प्रदान करने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान से निर्वासित एजाज़ुल हक ने कहा, “हमारा सारा सामान वहीं छूट गया। मैं अपने साथ केवल एक गद्दा और एक बिस्तर लाया था।” एक अन्य निर्वासित शरबत खान ने कहा, “40 साल बाद हम अपने वतन लौट आए हैं। हम खुश हैं, लेकिन सहायता के अलावा हमें जमीन भी चाहिए।”

बताया गया है कि कुनार के नारी जिले के 50 वर्षीय निवासी अब्दुल्ला (Abdullah) को तीन दशक तक पाकिस्तान में रहने के बाद जबरन निर्वासित किया गया है। उनके तीन विकलांग बेटे हैं और उन्हें आठ दिन पहले पाकिस्तान पुलिस ने निर्वासित किया है। अब्दुल्ला ने कहा, “मैं मजदूरी कर रहा था। वे अचानक आए, मुझे गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया। मेरे तीन बच्चे विकलांग हैं और बाकी तीन स्वस्थ हैं। उन्हें भी कल निर्वासित कर दिया गया।” अब्दुल्ला के बेटे शरीफुल्लाह ने कहा, “हमें अपने पिता के बारे में कोई खबर नहीं थी। हमने थानों के चक्कर लगाए, तब पता चला कि हमारे पिता को निर्वासित कर दिया गया है।”

शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार, अकेले कल ही पाकिस्तान और ईरान से 747 परिवारों को जबरन देश वापस भेज दिया गया है। तुलूअ न्यूज के अनुसार, ईरान से निर्वासित कई लोग आश्रय की कमी, बेरोजगारी और अनिश्चितता जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हाल ही में ईरान से लौटे प्रवासियों में से एक अब्दुल रजाक (Abdul Razzaq) ने बताया कि वह ईरान में नौ साल रहे। ईरान पुलिस ने अचानक उन्हें गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया। अब्दुल रजाक 48 घंटे से काबुल शिविर में हैं। वह अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।