झज्जर : इनेलो प्रदेशाध्यक्ष बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी और उनके समर्थक जयकिशन दलाल हत्याकांड में सीबीआई द्वारा पंचकूला सीबीआई कोर्ट में दाखिल की गई पहली चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए हैं, लेकिन हत्याकांड का मोटिव क्या रहा, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इसके बाद हत्या की इस वारदात का रहस्य और गहरा गया है।
इस हत्याकांड की परतें सुलझाने को लेकर सीबीआई ने एक अहम खुलासा जरूर किया है। वह यह है कि ब्रिटेन बेस्ड गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने सिग्नल एप के जरिये 18 फरवरी को सचिन नाम के शख्स से संपर्क साधा और कहा, अमित गुलिया ने तेरा नंबर दिया था। भाई एक दुश्मन मारना है, 307 करनी है बहादुरगढ़ में चले जाइए।
सीबीआई द्वारा बहादुरगढ़ में नफे सिंह हत्याकांड की जांच फिलहाल जारी है। पंचकूला सीबीआई कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में ब्रिटेन के एक गैंगस्टर का नाम शामिल किया गया है। सबसे प्रमुख बात यह सामने आई है कि हत्यारों ने नफे सिंह की हत्या से पहले उनकी गाड़ी की लोकेशन जानने के लिए एक जीपीएस सिस्टम भी लगाया था। यह जीपीएस ट्रैकर दिल्ली के द्वारका स्थित एक म्यूजिक कार शॉप से खरीदा गाय था। मगर खरीदने वाला कौन था, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है।
बताया गया है कि अभी तक जांच में सामने आया है कि चार शूटरों और ब्रिटेन में रहने वाले गैंगस्टर नंदू ने सिग्नल एप के जरिए बातचीत की थी। नफे सिंह राठी हत्याकांड के बाद नंदू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल करके इसकी जिम्मेदारी ली थी। बताया गया है कि मर्डर से पहले सचिन ने इस काम में मदद के लिए आशीष उर्फ बाबा को चुना। 23 फरवरी को वे नांगलोई से बहादुरगढ़ मेट्रो स्टेशन गए। जहां सचिन ने नंदू के निर्देशानुसार सेल्फी ली और उसे भेज दी।
इसके बाद 25 फरवरी को नफे सिंह राठी की हत्या हो गई। पुलिस ने इस मामले में गोवा के होटल से दो शूटरों आशीष और सौरव को गिरफ्तार किया था। जबकि अतुल प्रधान निवासी नजफगढ़ और नकुल सांगवान निवासी नारनौल अभी फरार चल रहे हैं। शूटरों को कार उपलब्ध कराने के आरोप में पुलिस ने बिजवासन निवासी धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया था। सभी जेल में हैं। पुलिस ने घटना को लेकर दिल्ली की मंडोली जेल में बंद अमित गुलिया से भी प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की थी।