Jhabua : सिकल सेल एक गंभीर जानलेवा बीमारी है, इसे खत्म करना हम सबका कर्तव्य; राज्यपाल पटेल

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झाबुआ : सिकल सेल एक गंभीर बीमारी है और इसका प्रभाव शरीर के अंदरूनी अंगों के साथ-साथ बाहरी लक्षणों में भी दिखाई देता है। अतः यह अत्यन्त आवश्यक है कि इस जानलेवा बीमारी की बच्चों के जन्म के समय के साथ ही आंगनवाड़ी, स्कूल और कॉलेज में भी जांच की जानी चाहिए, ताकि समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके।

उक्त विचार राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शनिवार शाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिकल सेल उन्मूलन मिशन के तहत जिले के ग्राम खेड़ी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में व्यक्त किए। झाबुआ प्रवास पर आए महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल का गोपाल पुरा हवाई पट्टी पहुंचने पर भावभीना स्वागत किया गया।

राज्यपाल पटेल हवाई पट्टी से स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिकल सेल उन्मूलन मिशन के तहत ग्राम खेड़ी में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पीएम श्री स्कूल की छात्राओं द्वारा बैंड पर राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी गई। गोपालपुर हवाई पट्टी पर महामहिम का कैबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, सांसद गुमान सिंह डामोर, कलेक्टर तन्वी हुड्डा, पुलिस अधीक्षक अगम जैन एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि मैं विभिन्न जगह विकसित भारत यात्रा में सम्मिलित हुआ हूं, जहां पर आयोजित स्वास्थ्य शिविर में इस प्रकार के व्यक्ति भी दिखाई दिए जिनके शारीरिक लक्षण पहचान कर सिकल सेल की जांच हेतु मैंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा और जब उनकी जांच हुई तो उनमें सिकल सेल के लक्षण भी पाए गए। उन्होंने कहा कि शादी के पहले जिस प्रकार से जन्म कुंडली का मिलान किया जाता है, उसी प्रकार सिकल सेल की भी जांच की जानी चाहिए, ताकि इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की किसी भी स्वस्थ व्यक्ति से शादी नहीं हो। राज्य पाल ने कहा कि सिकल सेल से प्रभावित व्यक्ति की पहचान कर उसके पूरे परिवार की जांच करना भी बहुत जरूरी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहा कि आप बच्चों के जन्म के साथ ही आंगनवाड़ी, स्कूल और कॉलेज में भी जांच करें, ताकि बीमारी प्रसार होने पाएं, और 2047 तक भारत से इस बीमारी को जड़ से नष्ट किया जा सके।

उन्होंने कहा कि शादी के पहले जिस प्रकार से जन्म कुंडली मिलन की जाती है उसी प्रकार से सिकल सेल उन्मूलन अभियान के तहत स्क्रीनिंग कर कार्ड बनाया जाएं, ताकि लड़का एवं लड़की की शादी सही जगह पर हो सके। शासन द्वारा झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में यह अभियान एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है। अतः यह आवश्यक है कि सभी अधिकारी, जनप्रतिनिधि, आम जन इस अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाएं, ताकि इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके। हमारा मानव जीवन तभी सफल होगा जब समाज के प्रति हमारा योगदान होगा।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि राज्यपाल हमारे बीच में समय-समय पर आते रहते हैं क्योंकि उन्हें जिले की समस्याओं का बारे में पता है, और वह हमारा दुख दर्द जानते हैं। भूरिया ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया की बीमारी जो सदियों से आदिवासी क्षेत्र में चली आ रही है, राज्यपाल द्वारा इस बीमारी के उन्मूलन हेतु प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया था। राज्यपाल लगातार क्षेत्र का भ्रमण करके इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य स्वयं कर रहे हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार भी विभिन्न बीमारियों को रोकने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए महामहिम का मार्गदर्शन हमेशा बना रहेगा। इसके साथ ही महिला बाल विकास विभाग की मंत्री होने के नाते मेरा भी प्रयास रहेगा कि इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैले और हम इसे खत्म कर सकें।

कार्यक्रम में सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा कि देश में यह पहला अवसर है जब सबसे घातक बीमारी के उन्मूलन के प्रयास किए गए हैं तथा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झाबुआ, अलीराजपुर का चयन किया गया है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत में सिकल सेल उन्मूलन के उन्मूलन का सपना है, जिसे हम सबको मिलकर पूरा करना होगा।

उन्होंने केन्द्रीय शासन द्वारा चलाई जा रही जन हितैषी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आज पीएम ने निशुल्क राशन, पक्के घर, उज्ज्वला योजना आयुष्मान कार्ड किसान सम्मान निधि, एवं लाडली बहन योजना अंतर्गत लगातार समाज की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री हमारे आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी के साथ-साथ उनके आर्थिक रूप से मजबूत करने का कार्य भी किया जा रहा है। सांसद ने सभी ग्रामीणजनों से आग्रह किया कि वे आयोजित शिविर का लाभ उठाएं तथा सिकल सेल का उन्मूलन करने में अपना योगदान दे।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बघेल ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा सिकल सेल बीमारी के संबंध में उपस्थित ग्राम जनों को अवगत कराया तथा बताया कि किस प्रकार से बीमारी फैलती है तथा क्या लक्षण है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 653454 सिकल सेल की स्क्रीनिंग की जा चुकी है साथ ही 11480 सिकल सेल वाहक पहचान की जा चुकी है वहीं 839 सिकल सेल के व अन्य बीमारियों के 276 रोगियों का उपचार चल रहा है।