झाबुआ : जिले की विशेष न्यायालय द्वारा सालभर पुराने महिला की हत्या कर साक्ष्य छुपाने के एक चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में पांच आरोपितोंं को आजीवन कारावास सहित अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है। आरोपियों ने साक्ष्य छुपाने की लिए महिला की लाश पत्थर से बांध कर तालाब में फेंक दी, किंतु फिर भी हत्या के आरोपित कानून से नहीं बच सके और न्यायालय द्वारा पांचों आरोपितोंं को आजीवन कारावास सहित अर्थ दंड से दंडित किया गया।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री सूरज बैरागी ने गुरुवार को बताया कि फरियादी मानसिंह द्वारा पुलिस को दर्ज़ कराई गई रिपोर्ट के अनुसार उसकी लड़की कमलाबाई जिसकी शादी तेजपुरा में की गई थी, दिनांक 20.07.2021 से उसके घर पर ही रह रही थी। दिनांक 24.07.2021 को शनिवार के दिन खवासा में पड़ने वाले हाट बाजार जाकर वापस उसके घर मादल्दा आ गई थी। फिर दूसरे ही दिन रविवार दिनांक 25.07.2021 को सुबह मेरे घर से वह अपने पति के घर तेजपुरा जाने का कहकर निकली थी, किंतु वह तेजपुरा उसके पति के यहां नहीं पहुंच पाई और षड्यंत्र का शिकार हो गई। मानसिंह के अनुसार गांव के लोगों द्वारा जब इस बात की जानकारी मिली कि किसी अज्ञात महिला कि लाश कडीकुआ के जंगल में स्थित तालाब में पड़ी देखी गई है, तब मैं, मेरा लड़का माधू और गांव के लोग तालाब पर देखने के लिये गए, तो मालूम हुआ कि वह लाश उसकी लड़की कमला की ही थी। मेरी लड़की कमला के सिर एवं चेहरे पर चोट के निशान थे, और तालाब में शव औंधे मुंह पडा था। तब गांव के चौकीदार दिनेश व कांतीलाल को साथ में लेकर चौकी पर रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस के अनुसार रिपोर्ट के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया और विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकट हुआ कि मृतिका कमलाबाई के गांव के दुबलिया पिता भाणजी भूरिया निवासी-मादल्दा से काफी समय से अवैध प्रेम संबंध थे। इन्हीं अवैध प्रेम संबंधों को लेकर कमलाबाई एवं दुबलिया का झगड़ा चल रहा था। इसी अवैध संबंध के चलते झगड़े की रंजिश को लेकर गांव के अभियुक्त दुबलिया एक अन्य अभियुक्त भारत षड्यंत्रपूर्वक कमलाबाई को मोटरसायकल पर बिठाकर कड़ीकुंआ जंगल में सुनसान जगह तालाब तरफ ले गए। इस दौरान तीन अन्य अभियुक्त सुनील, सरदार एवं कमल भी वहां पहुंच गये। तदुपरांत कमलाबाई को जान से मारने की नीयत से धारदार हथियार एवं पत्थर से मारपीट की, जिससे कमलाबाई को सिर में एवं शरीर में गंभीर चोटें आई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। कमलाबाई के मरने के बाद उसके शरीर पर जो चांदी की रकमें थीं, वह उपरोक्त अभियुक्तों ने निकाल कर रख ली और बाद में कमलाबाई के शव को पत्थर बांधकर कड़ीकुंआ जंगल के तालाब में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपी दुबलिया सहित अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए, उक्त प्रकरण को जिले का चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज घोषित किया गया था। अभियोजन की ओर से संचालनकर्ता अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी, झाबुआ मनीषा मुवेल द्वारा प्रकरण में लिखित तर्क एवं मौखिक तर्क रखते हुए मामले को संदेह से परे साबित किया गया। विचारण के दौरान विशेष न्यायाधीश, झाबुआ, राजेन्द्र शर्मा, द्वारा आरोपितोंं दुबलिया पिता भाणजी भूरिया उम्र 36 साल, भारत पिता नाथू भूरिया उम्र 25 वर्ष, सुनिल पिता धुलजी भूरिया उम्र 26 वर्ष, कमल पिता भावजी भूरिया उम्र 35 साल एवं सरदार पुत्र भूरा भूरिया उम्र 35 वर्ष समस्त निवासीगण मादल्दा को दोषी पाते हुए भारतीय दण्ड विधान की धारा 120-बी, 302/149, 201, 404 उक्त सभी आरोपितोंं को आजीवन कारावास एवं कुल 45000/- हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।