जम्मू : (Jammu) नटरंग ने अपनी लोकप्रिय रविवार थियेटर परंपरा को जारी रखते हुए रविवार को यहां अपने स्टूडियो थियेटर में – आग का तमाशा – नामक हिंदी हास्य नाटक प्रस्तुत किया। गिरिराज शरण अग्रवाल द्वारा लिखित और नीरज कांत द्वारा निर्देशित इस नाटक ने गलतफहमी, कला और न्याय पर अपने हास्यपूर्ण दृष्टिकोण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मजाकिया संवादों और लाइव कव्वाली प्रदर्शनों से सजी इस बेहतरीन कहानी ने सभी आयु वर्ग के दर्शकों को खूब हंसाया और तालियां बटोरीं।
कथानक एक व्यस्त बाजार से शुरू होता है जहां एक पुलिसकर्मी फकीर मुहम्मद उर्फ झुनझुना नामक कव्वाल की तलाश करता है। कांस्टेबल के आने को किसी प्रदर्शन के लिए आमंत्रण समझकर झुनझुना उत्साह से गाना शुरू कर देता है लेकिन बाद में उसे कथित तौर पर बीड़ी की दुकान में आग लगाने के आरोप में पुलिस स्टेशन ले जाया जाता है। यह मामला, उसकी कव्वाली के बोलों – खास तौर पर आह लगा दूंगा गाने की गलत व्याख्या पर आधारित है – एक बेतुके कोर्टरूम ड्रामा में बदल जाता है। जब कव्वाली के कवि और झुनझुना की पत्नी उसके बचाव में गवाही देते हैं, तो नाटक व्यंग्यात्मक नोट पर समाप्त होता है, जिसमें सवाल उठाया जाता है कि आज की दुनिया में कानून अक्सर प्यार और कला की सराहना करने में विफल हो जाते हैं।
आकर्षक प्रदर्शनों और तीखी कॉमेडी के माध्यम से, आग का तमाशा ने गुणवत्तापूर्ण थिएटर nके प्रति नटरंग की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जो मनोरंजन के साथ-साथ विचार को भी उकसाता है।